मोटो जी ने शुरुआत की तो असूस जेनफोन ने उसे आगे बढ़ाया। शियाओमी भी इसी लहर में आ धमका और उन सभी की छुट्टी कर दी जो अब तक सिर्फ नाम पर टिके थे। हम बात यहां किसी राजनीतिक बदलाव की नहीं कर रहे हैं बल्कि उस बदलाव की बात कर रहे हैं जो आम उपभोक्ता के लिए जरूरी था। जहां उनके पैसे की पूरी वसूली हो सके। हम बात कर रहे हैं मोबाइल जगत की जो अब अपने वास्तविक रंग में आ चुका है। आज बजट स्मार्टफोन का बोल बाला है।
भारतीय मोबाइल बाजार में मोटो जी लाॅन्च किया गया तो वह सिर्फ एक आॅनलाइन स्टोर पर उपलब्ध था। परंतु फोन बिक्री के मामले में वह नया कीर्तिमान स्थापित कर गया। इस बजट में और भी फोन लाॅन्च हुए लेकिन उनके लिए मोटो जी की बराबरी करना असंभव हुआ। इसी तरह असूस जेनफोन को लाॅन्च हुए कुछ माह हो गए हैं लेकिन अब तक वह अपनी धाक कायम किए हुए है। दस हजार के बजट में जेनफोन 5 महंगे फोन का अहसास कराता है। हाल में शियाओमी का एमआई 3 लाॅन्च हुआ था और वह इस कदर लोकप्रिय हुआ कि हर किसी की जुबान पर एमआई3 का नाम शुमार हुआ। आज भी शियाओमी का एक नया माॅडल उपभोक्ताओं के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है।
ये सारे फोन इसलिए लोकप्रिय नहीं हुए कि सिर्फ आॅन लाइन स्टोर पर ही उपलब्ध थे बल्कि इसलिए चर्चा में रहे क्योंकि उपभोक्ताओ के पैसों की वसूली करने में सक्षम हैं। इनके साथ और इनके बाद कई फोन सिर्फ आॅन लाइन के लिए उपलब्ध हुए। परंतु इस कदर लोकप्रियता नहीं बटोर पाए।
नाम नहीं, काम बोलेगा
वह जमाना चला गया जब प्रीमियम फोन के नाम पर एक डब्बा थमा दिया जाता था जो बेहद कीमती होता था। लोग फोन का उपयोग करने के बजाय उसे दिखाने में ज्यादा विश्वास करते थे। परंतु अब जमाना बजट फोन का है। फोन की कीमत कम होती है लेकिन फीचर के मामले में वे ऊँची रेंज के फोन को टक्कर देने का दम रखते हैं।
भारत में मोटोरोला अपनी लोकप्रियता खो चुका था। यहां तक कि कंपनी हैंडसेट क्षेत्र में अपना व्यवसाय तक समेट चुकी थी। ऐसे में जब मोटो जी के आने की बात हुई तो यह डर सबको लगा था कि क्या मोटोरोला को फिर से भारतीय उपभोक्ता स्वीकर करेंगे। स्थिति बहुत असमंजस की थी लेकिन उपभोक्ताओं ने न सिर्फ इसे स्वीकार किया बल्कि सिर आंखों पर बिठाया।
इससे इस बात को बल मिल रहा था कि अब सिर्फ नाम के दम पर टिके रहना मुश्किल है। आप चाहें कितने भी बड़े ब्रांड क्यों न हों लेकिन उपभोक्ता को उसके पैसे की पूरी वसूली होनी चाहिए। हालांकि इससे पहले भी बजट फोन इस तरह के कारनामे कर चुके हैं। आपको भी याद होगा नोकिया का लुमिया 520 फोन। पिछले साल कंपनी ने इसे उतारा था। विंडोज फोन 8 आॅपरेटिंग पर आधारित इस डिवाइस को दस हजार के बजट में पेश किया गया था। परफाॅर्मेंस से लेकर फीचर हर मामले में यह बेहतर था बल्कि आज भी बिक रहा है। उस वक्त भी बाजार में एंडराॅयड का ही बोल बाला था लेकिन विंडोज के इस फोन ने अलग कहानी लिख डाली। वह अपनी रेंज का विश्व में सबसे ज्यादा बिकने वाला स्मार्टफोन बन गया।
इसी तरह नोकिया लुमिया 510, ब्लैकबेरी 8520 और एलजी आॅप्टिमस वन को भी आप नहीं भूल सकते। बड़े नामों के बीच भी ये फोन बजट के दम पर ही अपनी पहचान बनाने में सफल हुए हैं। वहीं माइक्रोमैक्स कैनवस 2 भी आपके जहन में होगा। यही वह फोन है जिसने स्मार्टफोन सेग्मेंट में माइक्रोमैक्स की पकड़ और मजबूत कर दी और दिखाया कि स्मार्टफोन में भी अब भारतीय निर्माता अंतर्राष्ट्रीय निर्माताओं को टक्कर देंगे।
ब्रांड नहीं! फोन देखो
कुछ वक्त पहले तक देखा जाता था कि लोग ब्रांडेड फोन की मांग ज्यादा करते थे। उस वक्त भारतीय निर्माता अंतर्राष्ट्रीय निर्माताओं के बराबर नहीं थे। परंतु बजट फोन ने ही उन्हें ताकत प्रदान की और आज भारतीय निर्माताओं की मोबाइल बाजार में क्या स्थिति है किसी से छुपी नहीं है। भारतीय निर्माता स्मार्टफोन बाजार में अंतर्राष्ट्रीय निर्माताओं से कहीं मजबूत स्थिति में हैं।
भारतीय निर्माताओं ने शुरू से ही कम बजट में ज्यादा फीचर को ध्यान में रखकर फोंस उतारे। उनके फोन दस हजार से नीचे के बजट के ही होते थे। परंतु विज्ञापन से लेकर स्टोर तक उनका सारा ध्यान उपभोक्ता के सामने क्वालिटी के बजाय फीचर को प्रमोट करना होता था। उनकी यह रणनीति काम आई और उपभोक्ता फीचर पर ज्यादा गौर करने लगा। ब्रांड कोई भी हो यदि वह बजट में बेहतर फीचर वाला फोन दे रहा है तो उपभोक्ता आकर्षित होंगे ही।
इस बारे में माइक्रोमैक्स के सीईओ विनीत तनेजा कहते हैं, ‘माइक्रोमैक्स की कोशिश है कि उपभोक्ताओं को उनके बजट के अनुसार बेहतर फोन मुहैया कराना। हम सस्ते फोन उपलब्ध नहीं कराते बल्कि बहुमूल्य फीचर वाले फोन को कम कीमत में लाते हैं। उपभोक्ता इसलिए हमारे फोन नहीं खरीदता कि फोन के कीमत कम हैं बल्कि इसलिए खरीदता है कि माइक्रोमैक्स के फोन में कीमत के अनुसार फीचर का बेहतर संयोग होता है।’
कुछ समय पहले हम भी इस बात पर पूरी तरह विश्वास नहीं कर पा रहे थे कि आज का उपभोक्ता ब्रांड नहीं बल्कि ‘वैल्यू फाॅर मनी’ देखकर फोन खरीदता है। परंतु शियाओमी की स्थिति देखकर हमें विश्वास करना पड़ा। शियाओमी ने, जो कि एक चीनी मोबाइल निर्माता है, भारत में पहली बार फ्लिपकार्ट के साथ मिलकर फोन लाॅन्च किया। मिनटों में नहीं बल्कि सेकेंड में इसके फोन बिक गए। हर किसी के लिए खबर अद्भुत थी। ऐसा लग रहा था जैसे लोग इसी फोन के आने का इंतजार कर रहे थे।
चीन में कंपनी कुछ सालों से व्यवसाय कर रही थी लेकिन भारत में उसने एक माॅडल के साथ दस्तक दी थी और वह माॅडल था एमआई3। फोन कई मायनों में खास था। बड़े डिसप्ले के साथ वह क्वालकाॅम स्नैपड्रेगन 800 चिपसेट पर आधारित था। फोन की कीमत लगभग 14,000 रुपए थी। क्वालकाॅम स्नैपड्रैगन चिपसेट के साथ शियाओमी के अलावा कोई भी फोन नहीं है जो 25 हजार से कम के बजट में हो।
इसी तरह आसूस ने जेनफोन के साथ दस्तक दी है। इंटेल एटाॅम चिपसेट पर लाॅन्च किया गया जेनफोन 5 में 64 बिट्स प्रोसेसर है। अब तक 64 बिट्स प्रोसेसर सिर्फ एप्पल आईफोन 5एस में उपलब्ध था जो काफी महंगा था। फोन की बिल्ट क्वालिटी बहुत अच्छी है और स्टाइल का तो कहना ही नहीं। 8 जीबी इंटरनल मैमोरी के साथ पेश किए गए इस फोन की कीमत 10 हजार रुपए है। इस फोन को भी उपभोक्ताओं के बीच काफी सराहा गया और जब भी यह फ्लिपकार्ट पर उपलब्ध होता है जल्द ही आउट आॅफ स्टाॅक हो जाता है।
ताकतवर फीचर और स्मार्ट कीमत ने उपभोक्ता को ब्रांड मोह को भंग कर दिया। अब तो फोन लेने से पहले उपभोक्ता स्टोर से लेकर इंटरनेट तक व्यापक जानकारियां लेता है जिससे कि उसके पैसे की पूरी कीमत मिल सके। इस बारे में दिल्ली के करोल बाग स्थित हर्षित कम्यूनिकेशन के मालिक अशोक कुमार कहते हैं, ‘एक समय था कि नोकिया के सिवा कुछ बिकता ही नहीं था। उपभोक्ता आकर सीधा नोकिया का फोन मांगता था लेकिन अब अपना बजट बताकर कोई भी स्मार्टफोन मांगता है। इसके बाद स्पेसिफिकेशन की तुलना कर फैसला लेता है कि कौन सा फोन लेगा। कई लोग तो इंटरनेट पर फोन देखकर आते हैं और अपने पसंदीदा फोन की मांग करते हैं। ऐसा नहीं कि किसी ब्रांड विशेष फोन की मांग बिल्कुल नहीं है लेकिन इक्का-दुक्का ही रह गया है।’
बजट स्मार्टफोन ही क्यों?
कीमत के मामले में भारतीय बाजार शुरू से ही प्रतियोगी रहा है और यहां कम रेंज के फोन ही ज्यादा बिकते हैं। परंतु हाल के दिनों में काफी बदलाव आया और लोग इंटरनेट, सोशल नेटवर्किंग और मैसेजिंग एप्लिकेशन का उपयोग बढ़-चढ़कर करने लगे। वहीं गेमिंग और एप्लिकेशन की भी मांग बढ़ी है और इन फीचर का उपयोग स्मार्टफोन पर ही किया जा सकता है। यही वजह है कि बजट स्मार्टफोन का मांग बढ़ रही है। नेटवर्क की बेहतर स्थिति से भी स्मार्टफोन के उपयोग को बल मिला है।
कुछ साल पहले तक भारत में 2जी नेटवर्क उपलब्ध था जो सिर्फ काॅलिंग और मैसेजिंग सेवा में सक्षम था। परंतु 3जी सेवा ने दस्तक दी जो तेज डाटा के लिए जाना जाता है। गांव में इंटरनेट सेवा हो या न हो लेकिन मोबाइल पर लोग इंटरनेट का उपयोग कर रहे हैं। इस बारे में राजस्थान में मोबाइल डिस्ट्रीब्यूशन से जुड़े गोविंद कहते हैं, ‘गांवों में भी लोग व्हाट्स एप और फेसबुक जैसी सेवाओं से जुड़ने लगे हैं। घर का कोई सदस्य बाहर है तो काॅलिंग के बजाय व्हाट्स एप पर ही बात कर लेते हैं। वे स्मार्टफोन तो नहीं कहते लेकिन इतना कह कर फोन मांगेंगे कि जिस पर फिल्म देख सकें और फेसबुक इत्यादि बेहतर तरीके से चला सकें।’
आईसीए (इंडियन सेल्यूलर एसोसिएशन) द्वारा प्राप्त डाटा के अनुसार वर्ष 2014 में स्मार्टफोन बाजार 240 हजार करोड़ रुपए तक रहने की उम्मीद है और आंकड़े के अनुसार 8.7 करोड़ फोन इस साल तक बिकने की आशा है। हालांकि अब भी भारतीय बाजार में फीचर फोन का ही बोलबाला है और कुल मोबाइल विक्रय का 60 फीसदी फीचर फोन ही बिक रहे हैं। स्मार्टफोन का बजार अब भी 40 फीसदी के बराबर है। परंतु रुपए के करोबार में स्मार्टफोन फीचर फोन से कहीं आगे हैं। भारत में कुल विक्रय मूल्य का अस्सी फीसदी हिस्सा स्मार्टफोन से आता है। पिछले दो सालों में भारतीय मोबाइल बाजार में स्मार्टफोन की मांग ढाई गुना बढ़ी है और इसमें अभी काफी विकास की संभावना है। स्मार्टफोन सेग्मेंट में जो नए उपभोक्ता जुड़ रहे हैं वे ज्यादातर छोटे शहरों और गांवों से ही हैं।
बाजार हुआ गर्म
भारत में लगभग 70 फीसदी से ज्यादा आबादी गांवों में रहती है। 70 फीसदी आबादी का आशय है लगभग 80 करोड़ लोग। अब तक यहां लोग फीचर फोन का उपयोग कर रहे थे। बड़े बजट के स्मार्टफोन थे लेकिन इक्के-दुक्के ही देखे जा सकते थे। परंतु अब वे भी स्मार्टफोन से जुड़ रहे हैं। ऐसे में मोबाइल निर्माताओं को एक बहुत बड़ा बाजार दिख रहा है। हालांकि इन क्षेत्रों में शहरों के मुकाबले खरीदारी की क्षमता, जिसे बाइंग कपैसिटी कहा जाता है, कम है। इसलिए उन्हें कम रेंज की जरूरत है जो बेहतर तरीके से कार्य करे। वहीं शहरों में भी हर कोई 50 हजार या 25 हजार का फोन नहीं खरीद सकता। दस हजार तक के बजट का फोन सबसे ज्यादा बेचे जाते हैं।
बजट स्मार्टफोन का बाजार बहुत बड़ा है और यही वह सेग्मेंट है जो तय करता है कि नंबर वन निर्माता कौन बनेगा। पिछले साल नोकिया ने दावा किया कि लुमिया 520 अपनी रेंज में सबसे ज्यादा बिकने वाला स्मार्टफोन बन गया तो इस साल बजट स्मार्टफोन सेग्मेंट में कई नए दावे किए गए। मोटोरोला ने दावा किया मात्र छह माह में उसने एक मिलियन से ज्यादा मोटो हैंडसेट बेच डाले। वहीं शियाओमी तो सेकेंडों में ही हजारों फोन बेचने का दावा करता आया।
अब जब यह खेल शुरू हो ही गया था तो माइक्रोमैक्स कहां पीछे रहने वाला था। कंपनी माइक्रोमैक्स कैनवस नाइट्रो के लाॅन्च के दौरान यह कहते नजर आई कि महज तीन माह में उसने यूनाइट 2 माॅडल के एक लाख से भी ज्यादा हैंडसेट बेच डाले। वहीं असूस जेनफोन तो हर बार आउट आॅफ स्टाॅक की बात करता नजर आया। दावे कोई कुछ भी करे उपभोक्ता के लिए अच्छी बात यह कही जा सकती है कि उसे बेहतर फोन मिल रहा है। पैसों की पूरी वसूली हो रही है। बस अब आप भी चुन लें अपने बजट के अनुसार बेहतर फोन।
काम बजट के बेहतर फोन
नोकिया लुमिया 530
सस्ते विंडोज फोन में आप नोकिया लुमिया 530 देख सकते हैं। फोन में 4.0 इंच की स्क्रीन दी गई है और इसका स्क्रीन रेजल्यूशन 480x854 पिक्सल है। फोन की इंटरनल मैमोरी 4 जीबी है और 512 एमबी की रैम दी गई है।
प्रोसेसर ताकतवर है। फोन में 1.2 गीगाहर्ट्ज का क्वालकाॅम स्नैपड्रैगन 200 क्वाडकोर प्रोसेसर दिया गया है। वहीं बेहतर ग्राफिक्स के लिए एड्रीनों 302 जीपीयू उपलब्ध है। फोटोग्राफी के लिए 5.0 मेगापिक्सल का कैमरा दिया गया है लेकिन वीडियो काॅलिंग कैमरा नहीं मिलेगा इसमें 3जी सपोर्ट है।
कनेक्टिविटी के लिए वाई-फाई है और नए विंडोज में वाई-फाई सेंस का भी इंटीग्रेशन मिलेगा। नोकिया लुमिया 530 को विंडोज के नए आॅपरेटिंग 8.1 पर पेश किया गया है। नए आॅपरेटंग में होम स्क्रीन पर ज्यादा टाइल्स रख सकते हैं। भारतीय बाजार में नोकिया लुिमया 530 की कीमत 7,199 रुपए है।
माइक्रोमैक्स ए106 यूनाइट 2
माइक्रोमैक्स यूनाइट 2 भी अच्छा विकल्प है। फोन में 4.7 इंच की स्क्रीन दी गई है और स्क्रीन रेजल्यूशन 480x800 पिक्सल है। मीडियाटेक एमटी6582 चिपसेट आधारित इस फोन में 1.3 गीगाहर्ट्ज का कोर्टेक्स ए7 क्वाडकोर प्रोसेसर दिया गया है।
माइक्रोमैक्स यूनाइट 2 भी अच्छा विकल्प है। फोन में 4.7 इंच की स्क्रीन दी गई है और स्क्रीन रेजल्यूशन 480x800 पिक्सल है। मीडियाटेक एमटी6582 चिपसेट आधारित इस फोन में 1.3 गीगाहर्ट्ज का कोर्टेक्स ए7 क्वाडकोर प्रोसेसर दिया गया है।
ग्राफिक्स के लिए माली 400 एमपी2 जीपीयू भी उपलब्ध है। फोन की इंटरनल मैमोरी 4 जीबी है और 32 जीबी तक का कार्ड सपोर्ट है। फोटोग्राफी के लिए 5.0 मेगापिक्सल का कैमरा दिया गया है और सेकेंडरी कैमरा 2.0 मेगापिक्सल है।
कनेक्टिविटी के लिए 3जी, वाई-फाई और ब्लूटूथ उपलब्ध हैं। फोन में 2000 एमएएच की बैटरी दी गई है। यूनाइट 2 को एंडराॅयड आॅपरेटिंग 4.4 किटकैट पर पेश किया गया है। यूनाइट 2 में एक और अच्छी बात कही जा सकती है कि फोन में 21 भाषा का सपोर्ट है। माइक्रोमैक्स यूनाइट 2 की कीमत 6,999 रुपए है।
असूस जेनफोन 5
यदि आप ऐसे फोन की तलाश में हैं जो कम बजट का हो लेकिन महंगा अहसास कराए तो असूस जेनफोन 5 में पाॅलीकाॅर्बोनेट बाॅडी है और मुख्य पैनल पर 5.0 इंच स्क्रीन दी गई है। इसका स्क्रीन रेजल्यूशन 720x1280 पिक्सल है।
8.0 मेगापिक्सल का मुख्य कैमरा है जबकि सेकेंडरी कैमरा 2.0 मेगापिक्सल का दिया गया है। फोन में 1.6 गीगाहर्ट्ज इंटेल एटाॅम डुअलकोर प्रोेसेसर है। इसमें खास यह है कि इसमें 32 बिट्स की जगह 64 बिट्स प्रोसेसर है जो तेज प्रोसेसिंग व मल्टीटास्किंग का भरोसा दिलाता है।
फोन में 2 जीबी रैम मैमोरी दी गई और इंटरनल मैमोरी 8 जीबी की है। हालांकि इसमें उपभोक्ता के लिए सिर्फ 5 जीबी ही उपलब्ध है। दोहरा सिम आधारित इस फोन में दो जीएसएम नेटवर्क सपोर्ट है। असूस जेनफोन 5 को एंडराॅयड आॅपरेटिंग 4.3 जेलीबीन पर पेश किया गया है। असूस जेनफोन 5 की कीमत 9,999 रुपए है।
मोटो ई
मोटोरोला मोटो ई को कम बजट के बावजूद बेहतर फीचर से लैस किया गया है। फोन में 4.3 इंच की स्क्रीन है और 540x960 पिक्सल रेजल्यूशन है। फोन की स्क्रीन गोरिल्ला ग्लास 3 कोटेड है। वहीं फोन धूल व पानी अवरोधक है।
मोटोरोला मोटो ई को कम बजट के बावजूद बेहतर फीचर से लैस किया गया है। फोन में 4.3 इंच की स्क्रीन है और 540x960 पिक्सल रेजल्यूशन है। फोन की स्क्रीन गोरिल्ला ग्लास 3 कोटेड है। वहीं फोन धूल व पानी अवरोधक है।
हालांकि पानी के अंदर इसे डाल देते हैं तो खराब हो जाएगा लेकिन बारिश में इसका उपयोग कर सकते हैं। मोटो ई में इंटरनल मैमोरी 4 जीबी है और 1 जीबी की रैम मैमोरी है। 5.0 मेगापिक्सल कैमरा है लेकिन सेकेंडरी कैमरा नहीं है।
मोटो जी में कार्ड सपोर्ट नहीं था किंतु मोटो ई में माइक्रोएसडी कार्ड सपोर्ट दिया गया है। कनेक्टिविटी के लिए वाई-फाई, 3जी और ब्लूटूथ है। मोटोरोला मोटो ई को एंडराॅयड आॅपरेटिंग 4.4 किटकैट पर पेश किया गया है। मोटोरोला मोटो ई की कीमत 6,999 रुपए है।
शियाओमी रेडमी 1एस
चाइनीज स्मार्टफोन निर्माता कंपनी शियाओमी ने भारतीय बाजार में अपना कम बजट पफोन रेडमी 1एस लाॅन्च किया है। जिसकी कीमत 5,999 रुपए है। रेडमी 1एस में 1280x720 पिक्सल रेजल्यूशन वाला 4.7 इंच का डिसप्ले दिया गया है।
चाइनीज स्मार्टफोन निर्माता कंपनी शियाओमी ने भारतीय बाजार में अपना कम बजट पफोन रेडमी 1एस लाॅन्च किया है। जिसकी कीमत 5,999 रुपए है। रेडमी 1एस में 1280x720 पिक्सल रेजल्यूशन वाला 4.7 इंच का डिसप्ले दिया गया है।
स्क्रैच से बचाव के लिए ड्रेगन ट्रेल ग्लास है। एंडराॅयड आॅपरेटिंग 4.3 जेलीबीन पर आधारित है। क्वालकाॅम स्नैपड्रेगन 400 क्वाडकोर प्रोसेसर तथा 8 जीबी इंटरनल मैमोरी है, साथ ही फोन में 64 जीबी एक्सपेंडेबल डाटा स्टोर किया जा सकता है।
फोटोग्राफी के लिए रेडमी 1एस में 8.0 मेगापिक्सल रियर तथा वीडियो काॅलिंग के लिए 1.6 मेगापिक्सल फ्रंट कैमरा मौजूद है। शियाओमी रेडमी 1एस में पावर बैकअप के लिए 2,000 एमएएच की बैटरी दी गई है। कनेक्टिविटी आॅप्शन के तौर पर ब्लूटूथ, वाईफाई व 3जी नेटवर्क मौजूद हैं।
एंडराॅयड वन
आप एंडराॅयड वन फोन भी देख सकते हैं। एंडराॅयड वन के तहत फिलहाल तीन हैंडसेट लाॅन्च किए गए हैं। जिनमें माइक्रोमैक्स कैनवस ए1, कार्बन स्पार्कल वी और स्पाइस ड्रीम यूनो शामिल हैं। एंडराॅयड वन स्मार्टफोन की कीमत 6,300 रुपए से शुरू है। तीनों फोन के स्पेसिफिकेशन एक जैसे हैं। डुअल सिम कार्ड स्लाॅट के साथ 480x854 पिक्सल रेजल्यूशन वाला 4.5 इंच का आईपीएस डिसप्ले है। 1.3 गीगाहर्ट्ज क्वाडकोर मीडियाटेक प्रोसेसर और 1जीबी का रैम दिया गया है। इसके अलावा 4जीबी आंतरिक स्टोरेज है। वहीं फोन में एक्सपेंडेबल स्टोरेज 32 जीबी तक सपोर्ट है। फोटोग्राफी के लिए एलईडी फ्लैश के साथ 5.0 मेगापिक्सल रियर कैमरा तथा 2.0 मेगापिक्सल फ्रंट कैमरा दिया गया है। पावर बैकअप के लिए 1700 एमएएच की बैटरी दी गई है।
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ReplyDeleteआपका बहुत धन्यवाद आपका ब्लॉग पढ़कर मुझे बहुत अच्छा लगा अधिक जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करे | आप यहाँ क्लिक करके हमारा ब्लॉग भी प-ढ़े !
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