गूगल (Google) आई/ओ में पहली बार एंडरायड वन (#androidone) का जिक्र किया गया था। उसी वक्त से मीडिया से लेकर आप जनता में इस बात की चर्चा थी कि आखिर यह एंडराॅयड वन (androidone) है क्या? क्या यह गूगल का नया आॅपरेटिंग (Operating) है या फिर नेक्सस (Nexus) की तरह का कोई फोन? उस वक्त एंडराॅयड एल का भी जिक्र किया गया था और हर कोई जानता था कि यह एंडराॅयड आॅपरेटिंग का नया संस्करण है परंतु एंडराॅयड वन को लेकर संशय था। उस वक्त यह उड़ती खबर यह भी आई कि एंडराॅयड वन कम रेंज के एंडराॅड फोन (Android Phone) के लिए बनाया जाने वाला आॅपरेटिंग सिस्टम (Operating System) होगा। परंतु स्पष्ट जानकारी किसी के पास नहीं थी। अंततः आज गूगल ने एंडराॅयड से पर्दा उठा दिया और एंडराॅयड वन उपभोक्ता के सामने है।
एंडराॅयड वनः अपनी किस्मत अपने हाथ
एंडराॅयवन गूगल की एक पहल है। इसके माध्यम से कंपनी ने कम बजट के फोन में एंडराॅयड के नए आॅपरेटिंग को मुहैया कराने की कोशिश की है। हालांकि नेक्सस फोन में भी कुछ ऐसा ही देखा जाता है। इसे खास गूगल फोन कहा जाता है और नेक्सस के फोन को ही सबसे एंडराॅयड आॅपरेटिंग का अपडेट भी मिलता है। परंतु नेक्सस के फोन महंगे होते हैं और आम उपभोक्ता के बजट से दूर भी होता है।
वहीं नेक्सस फोन को कोई एक मोबाइल निर्माता ही बनाता था। जैसे सबसे पहला नेक्सस एचटीसी ने बनाया था। वहीं दूसरा और तीसरे नेक्सस का निर्माण सैमसंग द्वारा किया गया था। जबकि नेक्सस 4 और 5 का निर्माण एलजी ने किया है। परंतु एंडराॅयड वन में ऐसा नहीं है।
एंडराॅयड वन गूगल का एक प्रोग्राम है इसके तहत कोई भी निर्माता इससे जुड़ सकता है और एंडराॅयड वन फोन का निर्माण कर सकता है। परंतु फोन का निर्माण उसी स्पेसिफिकेशन पर किया जा सकता है जो कंपनी ने निर्धरित किए हैं। फिलहाल एंडराॅयड वन पर माइक्रोमैक्स का कैनवस वन, कार्बन का स्पार्कल वी और स्पाइस का ड्रीम उपलब्ध है। वहीं एचटीसी, इंटेक्स, अल्काटेल वनटच, लावा, जोलो और पैनासोनिक सहित कई अन्य कंपनियों के फोन देखे जा सकते हैं।
क्या खास है एंडराॅयड वन में
आपने देखा होगा कि एंडराॅयड फोन होते हुए भी माइक्रोमैक्स, लावा, कार्बन और जोलो सहित हर कंपनी के फोन उपयोग में एक दूसरे से अलग होते हैं। उसका कारण है कि एंड्रॉयड आॅपरेटिंग होने के बावजूद हरेक फोन का यूजर इंटरफेस अलग होता है। कंपनी उस पर अपने हिसाब से यूजर इंटरफेस या जिसे आप स्कीन भी कह सकते हैं का उपयोग करती है। परंतु एंडराॅयड वन फोन में आपको किसी तरह का कोई स्कीन देखने को नहीं मिलेगा। वे प्लेन एंडराॅयड होंगे। उपयोग नेक्सस के समान सभी एंडराॅयड वन फोन एक जैसे होंगे। मेन्यू, आईकाॅन या आॅपरेटिंग में किसी प्रकार का कोई अंतर नहीं होगा।
https://www.youtube.com/watch?v=RKii_YzBW6E
हार्डवेयर पर भी गौर करें तो आप देखेंगे कि एंडराॅयड वन फोन के लिए भी कुछ अलग से मानक निर्धारित है। सबसे पहले एंडराॅयड वन फोन कम से कम क्वाडकोर चिपसेट पर उपलब्ध होगा। इसके अलावा इसके लिए 1 जीबी का रैम होना भी अनिवार्य है। वहीं इंटरनल मैमोरी 4 जीबी तक निर्धारित है। एंडराॅयड वन फोन में 5.0 मेगापिक्सल का कैमरा होगा और सेकेंडरी कैमरा भी उपलब्ध होगा। फ़िलहाल जो फोन एंडराॅयड वन पर उपलब्ध हैं उनमें 4.5 इंच का डिसप्ले है और जिनका स्क्रीन रेजल्यूशन 480x854 पिक्सल है।
Comments
Post a Comment