बड़ी मुश्किल से तो फोन का उपयोग सीखा था लेकिन आज हमारी जरूरत के फोन ही बाजार से गायब हो रहे हैं। ऐसा ही कुछ कहना है गांव के बुजुर्गों का। स्मार्टफोन के इस चलन में गांव के बुजुर्गों की दास्तां सुनी खीमराज नामदेव ने और कागज पर उकेर दिए अपने विचार।
तकनीक का विकास लोगों की सहूलियत के लिए होता है जिससे लोग सहज रूप से अपने कार्यों को अंजाम दे सकें। मोबाइल आया तो इसने दूरियों को कम कर दिया। लोग घर बैठे अपने रिश्तेदारों और दोस्तों से बात कर सकते थे। कुछ ही वर्षों में टच स्क्रीन फोन ने दस्तक दी और उपभोक्ताओं के बीच यह काफी लोकप्रिय होने लगा। खास कर युवा वर्ग इसे काफी पसंद कर रहा था।
उपभोक्ताओं को पसंद आए और व्यावसायिक जगत उसे छोड़ दे क्या ऐसा हो सकता है। नहीं। कुछ ही वर्ष में बाजार में टच स्क्रीन फोन की भरमार हो गई। छोटी-छोटी स्क्रीन के साथ कीपैड वाले फोन की जगह अब बड़े डिसप्ले के साथ टचस्क्रीन फोन उपलब्ध हो गए। परंतु टच स्क्रीन के बढ़ते प्रचलन ने एक बहुत बड़े वर्ग के लिए निराशा भी पैदा कर दी।
बदल गया संसार
देखते ही देखते कीपैड आधारित स्मार्टफोन मोबाइल बाजार में बहुत कम नजर आने लगे क्योंकि अब समय है टचस्क्रीन स्मार्टफोन का। लगभग सभी मोबाइल कंपनियां टचस्क्रीन फोन बाजार में उतार रही हैं। जिसके कारण कीपैड आधारित मोबाइल की संख्या लगातार कम होती जा रही है।
शहरी उपभोक्ता के लिए तो ठीक था लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जैसा कि हमने पहले भी बात की कि मोबाइल फोन के शुरुआती दौर में केवल कीपैड वाले फोन ही बाजार में उपलब्ध् हुआ करते थे।
बड़ी मुश्किल से तो ग्रामीण उपभोक्ता इन आसान उपयोग वाले साधारण फोन, जिसमें आगे ही नंबर और काॅल करने और काटने के लिए बटन होते थे, का उपयोग सीख पाए थे। खास कर बुजुर्ग लोग ने काफी मशक्कत के बाद फोन करना और काटना सीख लिया था लेकिन आज बाजार में उनके लिए फोन ही नहीं हैं।
टच स्क्रीन फोन से भरे इस बाजार में कीपैड वाले फोन नदारद हो रहे हैं। युवा तो बहुत खुश हैं लेकिन गांव के बुजुर्गों को इससे बड़ी परेशानी हो रही है। टचस्क्रीन फोन के प्रति युवाओं का आकर्षण जिस तरह बढ़ रहा है, उसे देखकर हमें लगता है कि मोबाइल कंपनियां कहीं कीपैड वाले मोबाइल फोन बनाना बंद ही न कर दें।
हालांकि इस बात को नकारा नहीं जा सकता कि टचस्क्रीन वाले इन स्मार्टफोन ने ग्रामीण उपभोक्ता को एक नई शक्ति दी है। अब वे फोन पर ही इंटरनेट और एम-एजुकेशन जैसी सेवाओं का लाभ ले सकते हैं लेकिन हम अपने बुजुर्गों की भी अनदेखी नहीं कर सकते।
मोबाइल फोन की जरूरत हर किसी को है और प्रौढ़ वर्ग को तो खास कर। जरूरत के लिहाज से तो फोन उनके लिए आवश्यक है ही, सुरक्षा दृष्टिकोण से भी आप देखेंगे तो मोबाइल की आवश्यकता उनके लिए और बढ़ जाती है। ग्रामीण लोगों का कहना है कि यदि यही आधुनिक फीचर कीपैड वाले मोबाइल फोन में उपलब्ध हों तो कीपैड पसंद करने वाले उपभोक्ताओं के लिए बेहतर होगा।
मेरा मानना है कि कीपैड फोंस को बाजार में बनाए रखने के लिए इनके तकनीकी पक्ष में बदलाव कर आधुनिक फीचर्स का उपयोग किया जाना चाहिए ताकि यह मोबाइल बाजार की दुनिया से गायब न हो जाएं और हर किसी की जरूरत और उपयोग के हिसाब से फोन उपलब्ध हो।
-खीमराज नामदेव
आहोर, राजस्थान।
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