एप्पल (Apple) एकलव्य बन गया। उसने अपना अंगूठा अपने गुरू को दान कर दिया। आखिर एप्पल का कौन गुरू ऐसा है जिसने द्रोण की तरह उससे अंगूठा ही मांग लिया।
सैमसंग (Samsung), एचटीसी (HTC) या कोई चीनी ब्रांड। अब तक आप यही सोच रहे होंगे कि क्या अनाब-सनाब बक रहा है। परंतु आगे जब मेरी बातों पर गौर करेंगे तो शायद आप मेरी बातों से सहमत ही होंगे।
एक तरफ सैमसंग ने नोट के साथ बड़ी स्क्रीन वाले फोन की जंग छेड़ दी थी। नोट के बाद नोट 2, ग्रांड (Note 2, Grand) और उसके बाद न जाने कितने डिवायस आए जिसमें 5.0 इंच से बड़ी स्क्रीन थी। इसी बीच एप्पल का आईफोन 5 लाॅन्च हुआ।
एप्पल आईफन के इस डिवाइस में 4.0 इंच की स्क्रीन दी गई थी। कंपनी लाॅन्च के साथ ही एक विज्ञापन भी टीवी पर प्रदर्शित किया जिसमें दिखाया गया था कि वह आईफोन 5 को एक हाथ पकड़े हुए एक उंग्ली से ही उपयोग कर रहा है।
सैमसंग (Samsung), एचटीसी (HTC) या कोई चीनी ब्रांड। अब तक आप यही सोच रहे होंगे कि क्या अनाब-सनाब बक रहा है। परंतु आगे जब मेरी बातों पर गौर करेंगे तो शायद आप मेरी बातों से सहमत ही होंगे।
एक तरफ सैमसंग ने नोट के साथ बड़ी स्क्रीन वाले फोन की जंग छेड़ दी थी। नोट के बाद नोट 2, ग्रांड (Note 2, Grand) और उसके बाद न जाने कितने डिवायस आए जिसमें 5.0 इंच से बड़ी स्क्रीन थी। इसी बीच एप्पल का आईफोन 5 लाॅन्च हुआ।
एप्पल आईफन के इस डिवाइस में 4.0 इंच की स्क्रीन दी गई थी। कंपनी लाॅन्च के साथ ही एक विज्ञापन भी टीवी पर प्रदर्शित किया जिसमें दिखाया गया था कि वह आईफोन 5 को एक हाथ पकड़े हुए एक उंग्ली से ही उपयोग कर रहा है।
कंपनी ने इस विज्ञापन के माध्यम से बड़ी स्क्रीन वाले फोन पर हमला किया था। इसके माध्यम से यह दर्शाया गया था कि बड़ी स्क्रीन वाले फोन का उपयोग करने के लिए आपको दोनों हाथ का सहारा लेना पड़ता है जो असहज है। जबकि एप्पल आईफोन का आकार इतना बेहतर है कि आप आसानी से एक हाथ में पकड़े एक उंग्ली से उपयोग कर सकते हैं। और उपयोग के दौरान अंगूठा दिखाया गया था।
परंतु इस बार ऐसा क्या हुआ जो एप्पल ने अपने फोन की स्क्रीन बड़ी कर दी है। सच्चाई यह है कि दूसरी कंपनियों से मिली रही चुनौति के ने उसे झुकने पर मजबूर कर दिया और अततः कंपनी को बड़ी स्क्रीन का फोन बनाना पड़ा। यहां हमें विनीत तनेजा की बात याद आती है।
हाल में ही उन्होंने मुलाकत के दौरान एक बात कही कि ‘हम उन कंपनियों की तरह नहीं हैं जो अपनी ही बात से पलट जाते हैं। कल तक कहते थे दोहरी सिम वाले फोन कभी नहीं बनाएंगे या बड़ी स्क्रीन के फोन नहीं बनाएंगे लेकिन आज उन्हीं फोन के निर्माण में जुड़े हैं।’
यह बात सच भी है। कल तक एप्पल बड़ी स्क्रीन को लेकर दूसरी कंपनियों के मजाक उड़ाते थे और आज बड़ी स्क्रीन के फोन का निर्माण कर रहा है। तो इसका मतलब यही हुआ कि अब एप्पल के विज्ञापन में हरकत करता अंगूठा नहीं दिखेगा। विज्ञापन बनाने से पहले अपनी इस गलती के लिए एप्पल या तो अपना अंगूठा काट देगा या फिर किसी मोबाइल निर्माता को गुरू द्रोण मानकर अंगूठा दान दे देगा।
* इस लेख का उद्देश्य किसी को नुकसान पहुंचाना नहीं है बल्कि व्यंग के तौर पर पेश किया गया है।
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