एंडरॉयड ऑपरेटिंग (Android) कई मायनों में खास है। इस ऑपरेटिंग के लिए न सिर्फ सबसे ज्यादा एप्लिकेशन और गेम उपलब्ध् हैं बल्कि आज सबसे ज्यादा स्मार्टफोन का निर्माण भी एंडरॉयड ऑपरेटिंग पर ही किया जा रहा है।
गूगल द्वारा जब एंडरॉयड को लॉन्च किया गया तो उस वक्त वैश्विक मोबाइल बाजार पर सिंबियन का एकछत्र राज था। सिंबियन ऑपरेटिंग के आस-पास कोई नहीं था।
परंतु लोगों की जुबान पर एंडरॉयड का जिक्र जरूर आने लगा था क्योंकि एक तो यह गूगल का ऑपरेटिंग था जो अपने बेहतरीन सर्च इंजन और मेलिंग सर्विस के लिए पहले ही ख्याति बटोर चुका था। वहीं दूसरी बात यह थी कि हर किसी को मालूम था कि यह एक ओपेन सोर्स ऑपरेटिंग सिस्टम है जिसके लिए ज्यादा से ज्यादा गेम व एप्लिकेशन का निर्माण संभव है और वही हुआ। बस देखते ही देखते एंडरॉयड लोगों की जुबान से हाथों तक आ गया। कल तक जिसका सिर्फ जिक्र करते थे और आज एंडरॉयड फोन का उपयोग करने लगे।
चंद वर्षों में ही सिंबियन और एप्पल को पीछे छोड़ एंडरॉयड विश्व का नंबर एक मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम बन गया। एंडरॉयड ऑपरेटिंग की शुरुआत वर्ष 2008 से हई। कंपनी ने सबसे पहले 23 सितंबर 2008 को इसका पहला संस्करण 1.0 लॉन्च किया। एचटीसी ड्रीम इस ऑपरेटिंग पर लॉन्च होने वाला पहला फोन था। इसके बाद 9 पफरवरी 2009 को इसका अपडेट 1.1 पेश किया गया। वर्ष 2009 एंडरॉयड के लिहाज से बड़ा ही खास रहा। कंपनी ने इस वर्ष कई अपडेट पेश किए।
इसी वर्ष ऑपरेटिंग का नया अपडेट 1.5 लॉन्च किया गया। इस ऑपरेटिंग पर कई सारे फोन लॉन्च किए गए। यहां से ऑपरेटिंग को मिठाइयों का नाम भी दिया जाने लगा। जैसे- कपकेक और डोनट इत्यादि। वर्ष 2009 में ही 15 सितंबर को कंपनी ने ऑपरेटिंग का एक और संस्करण 1.6 पेश किया और एंडरॉयड ऑपरेटिंग 2.0 एक्लेयर को भी 26 नवंबर 2009 को लॉन्च कर दिया गया। 20 मई, 2010 को एंडरॉयड ऑपरेटिंग 2.2 उपभोक्ताओं के लिए उपलब्ध् था।
इस वर्ष के आखिर में (6 दिसंबर 2010) कंपनी ने 2.3 जिंजरब्रेड पेश किया। यह ऑपरेटिंग सिर्फ फोन के लिए था। जबकि 22 फरवरी 2011 को टैबलेट के लिए 3.0 उतारा गया।
19 अक्टूबर 2011 को एंडरॉयड का संस्करण 4.0 आइसक्रीम सैंडविच आया। यह ऑपरेटिंग बहुत लोकप्रिय हआ। एक लंबे अंतराल के बाद कंपनी ने 9 जलाई 2012 को 4.1 जेलीबीन को उतारा। जेलीबीन 4.2 और 4.3 सहित कई अपडेट आए। परंतु लंबे अंतराल के बाद एंडरॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम 4.4 किटकैट आया और हाल में गूगल ने नेक्सस 5 के साथ इसे भारत में पेश किया है। नए ऑपरेटिंग के साथ एंडरॉयड और भी स्मार्ट हो गया है।
खास किटकैट
इंटरपेस- एंडरॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम 4.4 किटकैट कई नई खासियतों से लैस है। एंडरॉयड 4.3 जेलीबीन की अपेक्षा 4.4 में आईकॉन्स और भी साफ-सुथरे और बेहतर तरीके से पेश किए गए हैं। वहीं नोटिफिकेशन बार में सेल, वाईफाई और बैटरी आईकॉन भी पहले के अपेक्षा ज्यादा व्यवस्थित तरीके से मिलेंगे।
तेज प्रोसेसिंग- नया ऑपरेटिंग पहले से कहीं ज्यादा तेज भी हो गया है। एंडरॉयड ऑपरेटिंग के साथ अक्सर लोगों की शिकायत थी कि यह ज्यादा रैम मैमोरी का उपयोग करता है ऐसे में कम रैम वाले फोन धीमे हो जाते हैं। कंपनी ने इस ऑपरेटिंग के साथ दावा किया है कि 4.4 किटकैट उपयोग के दौरान कम रैम का उपयोग करता है। ऐसे में यह कम रैम वाले फोन में भी तेज कार्य करने में सक्षम है।
ओके गूगल- वॉयस सर्च को कंपनी ने पहले की अपेक्षा कहीं बेहतर बना दिया है। पहले सर्च करने के लिए आपको गूगल सर्च में जाना होता था लेकिन अब आप होम स्क्रीन और गूगल नाउ से ही इसका उपयोग कर सकते हैं। इसके साथ आप हैलो गूगल से मैसेज, डायरेक्शन और म्यूजिक सहित कई अन्य तरह के कार्य कर सकते हैं।
लॉक स्क्रीन- अक्सर ऐसा होता है कि कोई मूवी या फोटो देखने के लिए कोई आपका फोन लेकर रख लेता है। आप चाह कर भी उसे रोक नहीं पाते। आपको डर लगा होता है कि कोई कहीं डाटा एक्सेस न कर ले। अब इन सब परेशानियों से आपको निजात दिलाएगा किटकैट का लॉक स्क्रीन फीचर। अब आप लॉक स्क्रीन में अल्बम, वीडियो और म्यूजिक प्ले कर सकते हैं। इसके साथ ही पाउस और फॉरवर्ड भी कर सकते हैं।
इमर्सिव मोड- फोन पर जब आप गेम खेल रहे होते हैं या मूवी देख रहे होते हैं तो स्क्रीन का एक बहुत बड़ा भाग मेन्यू में चला जाता है। परंतु नए ऑपरेटिंग में इसमें थोड़ा बदलाव किया गया है। अब जब आप मूवी या गेम खेल रहे होंगे तो नीचे का मेन्यू बार गायब हो जाएगा और जब आपको उपयोग करना है तो स्क्रीन पर नीचे से ऊपर की ओर स्वाइप करेंगे तो आ जाएगा। इस तरह आप फुल स्क्रीन का मजा ले सकते हैं।
तेज मल्टीटास्किंग- एंडरॉयड के अब तक के संस्करण में देखा जाता था कि जब आप ढेर सारे एप्लिकेशन खोल लेते हैं तो पफोन धीमा हो जाता है। परंतु अब ऐसा नहीं है। मल्टीटास्किंग के दौरान भी समान गति से आप फीचर का उपयोग कर सकते हैं। टच रिस्पॉन्स पहले से कहीं बेहतर सटीक हो गया है।
ईमोजी- पिछले कुछ माह में मैसेंजर सर्विस का प्रचलन बेहद तेजी से बढ़ा है और लोग मैसेज को आकर्षक बनाने के लिए ईमोजी का (स्टीकर या आईकॉन) उपयोग करते हैं। मैसेंजर सर्विस के साथ तो यह उपलब्ध् था लेकिन गूगल ने अब इसे अपने कीबोर्ड में भी इंटीग्रेट कर दिया है। इसके माध्यम से अब आप साधारण मैसेज में भी इसका उपयोग कर सकते हैं।
नई कॉलिंग फीचर- एंडरॉयड 4.4 किटकैट में कॉलिंग फीचर में भी बदलाव किया गया है। जब आप कॉलिंग में जाएंगे तो सबसे पहले उन नामों का प्रदर्शन होगा जिनको आपने सबसे ज्यादा बार कॉल किया है। इसके साथ आप आपने नजदीकी स्थान और बिजनेस सेंटर के बारे में भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इसके साथ ही यहीं से अपने कॉन्टैक्ट और उन लोगों के बारे में भी जानकारी ले सकते हैं जो गूगल डोमिन पर उपलब्ध् हैं।
स्मार्ट कॉलर आईडी- यह फीचर बेहद ही स्मार्ट है। यदि आपको फोन पर कोई कॉल आता है जो आपके कॉन्टेक्ट में नहीं है तो उस वक्त यह गूगल मैप्स से सर्च कर लोकेशन के आधार पर कॉलर की जानकारी प्रदान करेगा।
क्लाउड स्टोरेज- फोन में उपलब्ध् क्विक ऑफिस जैसे एप्लिकेशन में फाइल्स को आप सीध गूगल ड्राइव में ही सेव कर सकते हैं और उसे कहीं से भी एक्सेस कर सकते हैं। वहीं क्विक एक्सेस के माध्यम से आप जल्द में उपयोग किए गए फाइल को एक्सेस कर सकते हैं। इस ऑपरेटिंग पर काम करते हुए फाइल को सेंड करना और भी आसान हो गया है।
डिवाइस मैनेजमेंट बिल्ट इन- एंडरॉयड ऑपरेटिंग 4.4 किटकैट को पहले से कहीं ज्यादा सुरक्षित बनाया गया है। आपका फोन यदि खो जाता है तो भी आप उस डाटा को वापस पा सकते हैं और फोन में उपलब्ध् डाटा को मिटा सकते हैं।
ब्लूटूथ एमएपी सपोर्ट- एंडरॉयड ऑपरेटिंग 4.4 किटकैट के साथ मैसेज एक्सेस प्रोफाइल सपोर्ट हो गया है। इसमें ब्लूटूथ इनेबल कार में आप मैसेज एक्सचेंज कर सकते हैं।
क्रोमकास्ट सपोर्ट- किटकैट में क्रोमकास्ट फीचर से लैस किया गया है। इसके माध्यम से ऑनलाइन साइट के कंटेंट को अपने एचडीटीवी पर देख सकते हैं।
क्रोम वेव व्यू- क्रोम ब्राउजर को और ज्यादा स्मार्ट बनाया गया है। इसमें खास एप्लिकेशन इंबाडेड है जो तेजी से सेटिक कंटेंट को उपलब्ध् कराने में सक्षम है।
प्रिंटर- इस ऑपरेटिंग के साथ कंपनी ने गूगल क्लाउड प्रिंट की शुरुआत की है। अब आप कहीं भी रहकर वायरलेस माध्यम से प्रिंट दे सकते हैं। एचपी ईप्रिंटर के अलावा गूगल प्ले स्टोर पर भी आपको कई अन्य प्रिंटर एप्लिकेशन मिल जाएंगे जहां से वायरलेस प्रिंटर का उपयोग किया जा सकता है।
आसान होम स्क्रीन स्विच- यदि आप अपने डिवाइस में कस्टमाइजेशन पसंद करते हैं और होम स्क्रीन रिप्लेसमेंट के लिए आपने कोई एप्लिकेशन डाउनलोड की है तो आप आसानी से उन्हें स्विच कर सकते हैं।
डाउनलोड एप्स- हालांकि यह सेक्शन पुराने ऑपरेटिंग में भी था लेकिन इस बार इसमें कुछ बदलाव किया गया है। आप डाउनलोडेड फाइल को लिस्ट और ग्रीड व्यू के हिसाब से शॉर्टलिस्ट कर सकते हैं।
ईमेल की नई स्टाइल- ईमेल एप्लिकेशन को भी नए सिरे से डिजाइन किया गया है। अब इसमें कॉन्टेक्ट और फोटोग्राफ को बेहतर नेविगेशन के साथ देखा जा सकता है।
फुल स्क्रीन वॉलपेपर प्रीव्यू- 4.4 किटकैट के साथ वॉलपेपर को नोटिफिकेशन ट्रे और सिस्टम बटन में भी सम्मिलित कर दिया गया है। अब आप वॉलपेपर लगाने से पहले उसका प्रीव्यू कर सकते हैं।
एचडीआर+ - एचडीआर+ मोड नेक्सस5 में पहले से इंटीग्रेटेड है। ऐसे में जब भी आप ब्रस्ट शॉट लेते हैं यह आपको उनमें से सबसे बेहतर फोटो प्रदर्शित करेगा। दिन में लिए गए फोटो बिना छाया के दिखाई देंगे जबकि रात में ली गई तस्वीर में कम डॉट दिखाई देंगे।
इंफ्रारेड ब्लास्टिंग- एन ऑपरेटिंग को इंफ्रारेड ब्लास्टिंग से लैस कर दिया गया है।अब डिवाइस इंफ्रारेड आधारित एप्लिकेशन को कंट्रोल करने में सक्षम है। इसके माध्यम से अब टीवी, एसी और डीवीडी इत्यादि को कंट्रोल किया जा सकता है।
लोकेशन मोड- लोकेशन को लेकर भी नए ऑपरेटिंग में बहुत कुछ नया किया गया है। सबसे पहले तो क्विक सेटिंग के माध्यम से आप लोकेशन को कहीं से भी सेट कर सकते हैं। वहीं बैटरी बैकअप सुरक्षित रखने के लिए आप हाई एक्यूरेसी और बैटरी सेविंग लोकेशन मोड का चुनाव कर सकते हैं। लोकेशन सेटिंग से आप यह भी पता लगा सकते हैं कि कौन-कौन से एप्लिकेशन हैं जो वर्तमान में आपके लोकेशन की जानकारी ले रहे हैं।
लो पावर ऑडियो प्ले बैक- पहले की अपेक्षा इस ऑपरेटिंग में अब पावर खपत और भी कम होगा। एक बार पूरी तरह चार्ज करने पर आप लगभग 60 घंटे तक म्यूजिक सुन सकते हैं।
टॉप टू प्ले- एंडरॉयड ऑपरेटिंग 4.4 किटकैट में एनएफसी के लिए नया आर्किटेक्चर है। जहां अब आप मोबाइल के माध्यम से पेमेंट कर सकते हैं। गूगल वॉलेट से यह इंटीग्रेट होने में सक्षम है जहां आप सिर्फ एक टच से कई स्टोर्स से खरीदारी कर सकते हैं।
बेहतर टच स्क्रीन- नया एंडरॉयड पहले की अपेक्षा अब कहीं ज्यादा ताकतवर
हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर सपोर्ट में सक्षम है। ऐसे में यह न सिर्फ कई गुणा तेज हो गया है बल्कि टच इंटरफेस सपोर्ट भी बहुत शानदार हो गया है।
शुरू से ही रहा है मीठा
एंडरॉयड ऑपरेटिंग की खासियत रही है कि इसके संस्करणों को शुरू से ही मिठाई का नाम दिया गया है। हालांकि एंडरॉयड 1.0 और 1.1 के विषय में ऐसी जानकारी नहीं है लेकिन एंडरॉयड ऑपरेटिंग 1.5 को कपकेक के नाम से लॉन्च किया गया था। इसके बाद कंपनी ने 1.6 संस्करण को पेश किया और इसका नाम डोनट दिया गया। एंडरॉयड ऑपरेटिंग 2.0 को एक्लेयर के नाम से जाना जाता है। वहीं इसके 2.2 ऑपरेटिंग स्टिम का नाम फ्रोयो रखा गया। एंडरॉयड ऑपरेटिंग 2.3 जिंजरब्रेड के तौर पर लॉन्च किया गया जबकि इसी ऑपरेटिंग का टैबलेट संस्करण 3.0 का नाम हनीकॉम्ब दिया गया। हनीकॉम्ब खासतौर से टैबलेट के लिए ही था। एंडरॉयड ऑपरेटिंग 4.0 आइसक्रीम सैंडविच के नाम से जाना जाता है और 4.1-4.3 तक के संस्करण का नाम जेलीबीन है। नए एंडरॉयड ऑपरेटिंग 4.4 का नाम किटकैट दिया गया है। वहीं आशा है कि एंडरॉयड के नए संस्करण का नाम लड्डू हो सकता है।
कुछ खास जानकारी
एंडरॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम का नाम जहां एक ओर किसी खास मिठाई के नाम पर होता है। वहीं दूसरी ओर एक और खास बात है कि वे अंग्रेजी के अल्फाबेट पर होते हैं। पहले और दूसरे संस्करण की तो नहीं लेकिन एंडरॉयड के तीसरे संस्करण 1.5 को कंपनी ने कपकेक का नाम दिया जो अंग्रेजी का अक्षर ‘सी’ से शुरू होता है। इसके बाद ऑपरेटिंग 1.6 डोनट ‘डी’ से और 2.0 एक्लेयर ‘ई’ से होता है। इसी तरह ‘एफ’, ‘जी’ और एच पर क्रमशः 2.2 फ्रोयो, 2.3 जिंजरब्रेड और 3.0 हनीकॉम्ब पर हैं। 4.0 के लिए ‘आई’ से आइसक्रीम सैंडविच और 4.1 को ‘जे’ जेलीबीन का नाम दिया गया।
नया ऑपरेटिंग एंडरॉयड 4.4 के लिए ‘के’ से किटकैट का नाम दिया गया। इसी तरह अगले ऑपरेटिंग का नाम अंग्रेजी के अक्षर ‘एल’ से शुरू होगा और यही वजह है कि लोग इसका नाम लड्डू होने का कयास लगा रहे हैं।
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