जब आप आईफोन 5एस (iphone 5S) की खरीदारी के बारे में सोचते हैं जो यही लगता है कि बाप रे बाप इतने पैसे में तो एक कंप्यूटर और फोन दोनों आ जाएंगे। आखिर इस फोन में ऐसी क्या खासियत है जो इतना पैसा लगाएं।
तो चलिए मैं आपको आईफोन 5 एस के ऐसे ही पांच गुणों का जिक्र करती हूं जिससे आप स्पष्ट रूप से समझ जाएंगे कि क्यों इस पर पैसे लगाना फायदेमंद है।
इतना ही नहीं इसकी कुछ कमियों का भी जानकारी दूंगी जिससे आपके लिए यह फैसला करना आसान हो जाएगा कि इस इसकी खरीदारी आपके लिए उचित है या नहीं।
आईफोन 5एस के पांच गुण
1) इस फोन की सबसे बड़ी खासियत है कि यह बेहद ही स्टाइलिश है। इसकी मैटल बॉडी एक झलक में ही आपका दिल जीतने का दम रखती है। इतना ही नहीं वजन में भी हल्का है जिससे आप जेब में लेकर भी घुमते हैं तो असहज महसूस नहीं करेंगे।
2) शायद ही कोई फोन होगा जिस पर इतने सारे एप्लिकेशन उपयोग किया जा सके। एंडरॉयड के लिए सबसे ज्यादा एप्लिकेशन हैं लेकिन एंडरॉयड ऑपरेटिंग आधारित गूगल प्ले स्टोर (Play Store) पर उपलब्ध् सभी एप्लिकेशन का उपयोग करने में सक्षम नहीं है। परंतु आई फोन 5 एस में ऐसा नहीं है।
3) परफॉर्मेंस के मामले में इस फोन की बराबरी करने वाला शायद आज कोई फोन उपलब्ध् हो। इसका 64 बिट्स प्रोसेसर इसे अन्य फोन से आगे खड़ा करता है।
4) किसी भी फोन में महत्वपूर्ण है कि उसका उपयोग अत्यधिक कठिन न हो अर्थात फोन का उपयोग करना सरल हो। अन्य ऑपरेटिंग में जहां कई बटन होते हैं वही इसमें सिर्फ एक होम बटन है और मुख्य पैनल पर ही आपको मेन्यू दिख जाएगा। होम और बैक का ज्यादा झंझट ही नहीं।
5) एप्पल आईफोन का सर्विस सेंटर आपने देखा है! नहीं, भारत में इसका सर्विस सेंटर नहीं है। हालांकि यह कमी नहीं है यह इसकी खासियत है। फोन में कोई भी खराबी होती है तो आपका फोन बदल दिया जाएगा। बजाए इसके कि इसमें दस पेंच ठोंक दें। आर्थात टेंशन फ्री उपयोग।
आईफोन 5एस के पांच दोष
1) भई 50 हजार का बजट कोई मामूली नहीं होता है। इसके लिए उपभोक्ताओं को काफी सोचना पड़ सकता है। 53,500 रुप्ए की कीमत इस फोन के सभी खासियतों के बावजूद बहुत ज्यादा कहा जाएगा।
2) पुराने आईफोन से आईफोन 5एस की तुलना करें तो फोन की बैटरी बहुत बेहतर नहीं कही जा सकती। दिन में कम से कम एक बार इसे अवश्य चार्ज करना पड़ता है।
3) आज बड़े स्क्रीन का चलन है। कल तक नोकिया के पास भी 4.5 इंच तक के फोन उपलब्ध् थे। परंतु बड़ी स्क्रीन वाले फोन की बढ़ती लोकप्रियता को देखकर उसने 6.0 इंच स्क्रीन के साथ फोन लॉन्च किया। ऐसे में आईफोन 5एस की स्क्रीन की बात करें तो यह काफी छोटी कही जाएगी। इसमें मात्र 4.5 इंच की स्क्रीन है।
4) कंप्यूटर से कनेक्ट करने के लिए सबसे पहले आपको अपने कंप्यूटर पर आईट्यून को इंस्टॉल करना होगा। यहां थोड़ी मुश्किल वाली बात है। इसमें काफी समय लग जाता है। जबकि एंडरॉयड इत्यादि में यह थंबनिल में खुल जाता है और आप आसानी से फाइल ट्रांस्फर कर सकते हैं।
5) अभी तक ऑपरेटर्स के पास माइक्रोसिम उपलब्ध् होना मुश्किल है और आईफोन 5एस में तो नैनो सिम का प्रयोग किया गया है जो बहुत ही मुश्किल से मिलता है। बाजार में इसके लिए कुछ सिम कटर उपलब्ध् हैं लेकिन वहां सिम खराब होने का खतरा बना होता है।
अब इन खुबियों और खामियों को पढ़कर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि आईफोन 5एस आपके लिए लेना बेहतर है या नहीं।
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