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चुनावी चौपाल : 2014


अगर अब तक आपने चुनाव की चाय नहीं पी तो कोई बात नहीं। नेताओं ने मोबाइल पर चैपाल लगा रखी है। बस आप भी हो जाइए शामिल। मोबाइल से इस चुनावी चैपाल की तैयारियों को बता रहे हैं मुकेश कुमार सिंह।

चाय की चैपाल और केजरीवाल का धरना सुनते-सुनते आखिर वह पल आ ही गया जिसके लिए इतने ड्रामें चल रहे थे। हम बात कर रहे हैं लोकसभा चुनाव 2014 की। 7 अप्रैल से शुरू होने वाले इस आम चुनाव को सबसे अलग देखा जा रहा है। शायद इतनी पब्लिसिटी और इतना ड्रामा इससे पहले किसी भी चुनाव में देखने को नहीं मिला होगा। रोड शो से लेकर घर-घर चंदा तक का कार्यक्रम आयोजित किया गया जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों तक अपनी पहुंच बनाई जा सके।

परंतु इस चुनाव में ट्विस्ट लाने का कार्य किया मोबाइल ने। मोबाइल ने न सिर्फ आम जनता को चुनाव के प्रति जागरूक करने का कार्य किया है बल्कि इसे मनोरंजक भी बना दिया। एंडराॅयड हो या विंडोज फोन या कोई और आॅपरेटिंग हर फोन पर इलेक्शन के गेम व एप्लिकेशन उपलब्ध हैं। एप्स जहां चुनाव संबंधी जानकारियां देने के लिए हैं। वहीं गेम में आप जिसे चाहें उसे प्रधानमंत्री बना सकते हैं।

चुनाव के दौरान सोशल मीडिया का भी भरपूर उपयोग किया जा रहा है। हरेक पार्टी  अपने फेसबुक और ट्विटर अकाउंट से लोगों तक पहुंचने की कोशिश कर रही हैं। पार्टी के अलावा इन नेताओ का अपना निजी ट्विटर और फेसबुक अकाउंट भी है जिन पर वे लगातार एक्टिव हैं। चुनाव के इस माहौल में आप भी इन एप्लिकेशन और गेम का उपयोग कर सकते हैं। इसके माध्यम से आप न सिर्फ पल-पल की खबर पा सकते हैं बल्कि चुनाव का दिन, किस जगह से कौन उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं और किसने कहां से जीत दर्ज की आदि से संबंधित खबरें भी पा सकते हैं।

चुनावी एप्स
इलेक्शन के बारे में जानकारी के लिए आप जैसे ही एप्स स्टोर पर इलेक्शन 2014 लिखेंगे आपको ढेर सारे एप्लिकेशन नजर आ जाएंगे। हालांकि उनमें बहुत से एप्लिकेशन आपके लिए काम के नहीं होंगे लेकिन आप इंडियन इलेक्शन 2014 नाम से उपलब्ध कुछ एप्लिकेशन को डाउनलोड कर सकते हैं। इन एप्लिकेशन में आपको न सिर्फ इस लोकसभा इलेक्शन के बारे में जानकारी मिलेगी बल्कि इससे पहले के इलेक्शन और उनके परिणाम के बारे में भी ब्यौरा दिया है।

इसके साथ ही मुख्य पार्टियां और उनके मेनिपफेस्टों को भी आप यहां पढ़ सकते हैं। परंतु सबसे खास बात यह कही जा सकती है कि चुनाव के दौरान सबमें सीट को लेकर चर्चा होती है कि किस राज्य में कितनी लोकसभा सीटें हैं उसके बारे में भी आपको पूर्ण ब्यौरा मिलेगा बल्कि कुछ एप्लिकेशन में तो प्रचलित पार्टियों के घोषित उम्मीदवारों के नाम की जानकारी भी दी गई है।

2014 में होने वाले इस आम इलेक्शन के लिए पेश कुछ एप्लिकेशन में वर्चुअल वोटिंग की व्यवस्था की गई है। हालांकि यह वोटिंग मान्य नहीं है लेकिन इससे आप देख सकते हैं कि चुनाव से पहले कौन सा नाम सबसे ज्यादा लोकप्रियता बटोर रहा है। विभिन्न संस्थाओं द्वारा कराए गए एक्जिट पोल को भी यहां रखा गया है। एप्लिकेशन में बड़े-बड़े न्यूज  पोर्टल के लिंक दिए गए हैं जहां से आप चुनावी खबरें पढ़ सकते हैं।

चुनावी रंग
चुनाव के बाद क्या होगा, क्या नहीं यह तो पता नहीं लेकिन आप अपने पसंदीदा नेताओं की मनोकामना को पूरी जरूर कर सकते हैं। मोबाइल में एक से बढ़कर एक गेम उपलब्ध हैं। हालांकि एक बात खास है कि मोदी हो या राहुल या फिर केजरीवाल सबके नाम से रन गेम जरूर उपलब्ध हैं। जैसे मोदी रन, राहुल रन और केजरीवाल रन। इन गेम्स में अलग-अलग राज्यों में फतह हासिल कर अपनी सरकार बनानी है।

इनके अलावा भी कुछ गेम हैं जो आपका दिल जीतने में सक्षम है। पीएम रेस इनमें से एक है। पीएम रेस में फिलहाल मोदी और केजरीवाल ही नजर आएंगे। मोदी हेलीकाॅप्टर पर बैठकर कमल चुनेंगे तो केजरीवाल के लिए उनका झाड़ू ही फाइटर प्लेन होगा। उसी के सहारे झाड़ू बटोरते नजर आएंगे। आप की बढ़ती लोकप्रियता के बीच आप की आग नाम से भी गेम उपलब्ध हैं। जहां अरविंद केजरीवाल गुलेल से कांग्रेसी नेताओं को मारते नजर आएंगे।

नेताओं के लिए लव मी और लव मी नाॅट जैसे गेम भी दिए गए हैं। गेम के दौरान केले के छिलके भी आप उन पर फेंक सकते हैं। इस चुनावी गेम में सबसे ज्यादा गेम और एप्लिकेशन भाजपा के प्रधानमंत्री उम्मीदवार नरेंद्र मोदी पर है। जो भी हो इन गेम्स के बारे में इतना कहा जा सकता है कि इस चुनावी माहौल में आपको न सिर्फ खेलने में आनंद ही मिलेगा बल्कि इनके कार्टून देखकर भी आपको उतना ही मजा आएगा।

होगा सीधा संपर्क
आम लोगों की सबसे बड़ी परेशानी यह है कि नेता चुनाव के बाद नजर नहीं आते। यह शिकायत बहुत हद तक जायज भी है। परंतु अब आपके पास सोशल माध्यम है, यदि आप आमने सामने बात नहीं कर सकते तो सोशल मीडिया, जैसे- ट्विटर और फेसबुक पर संपर्क तो कर सकते हैं। फेसबुक और ट्विटर की बढ़ती लोकप्रियता किसी से छुपी नहीं है। खास कर केजरीवाल इसका भरपूर उपयोग करना भी जानते हैं। अन्ना हजारे के साथ लोकपाल आंदोलन में इन्होंने इसका जमकर इस्तेमाल किया और इस चुनाव में भी भुना रहे हैं। वहीं नमों का तकनीकी प्रेम भी किसी से छुपा नहीं है।

फेसबुक के अलावा इनका भी ट्विटर पेज है और वे इस पर बहुत एक्टिव हैं। यूट्यूब और गूगल+ पर भी आप नेताओं और पार्टियों से संपर्क कर सकते हैं। नेताओं के प्रमुख पार्टियों के खुद के भी फेसबुक और ट्विटर अकाउंट है। आप इन सोशल साइट पर न सिर्फ फाॅलो कर सकते हैं बल्कि चाहें तो अपनी प्रतिक्रिया, जिसे कमेंट कहते हैं भी कर सकते हैं। इसके अलावा ट्विटर पर रीट्विट भी कर सकते हैं। सोशल मीडिया के माध्यम से आप उनके रोज के कार्यक्रम, क्रियाकलापों और भाषणों की भी जानकारी ले सकते हैं।

प्रमुख नेताओं के ट्विटर और फेसबुक अकाउंट

नरेंद्र मोदी-

http://www.facebook.com/narendramodi@narendramodi

अरविंद केजरीवाल-
http://www.facebook.com/AAPkaArvind@Arvindkejriwal

राहुल गांधी-
इनका कोई फेसबुक व ट्विटर पेज नहीं हैं लेकिन आप इन्हें यहां फाॅलो कर सकते हैं।
http://www.facebook.com/India.RahulGandhi

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