हाल में गूगल ने एंडराॅयड वन को प्रदर्शित किया है। ऐसे में उपभोक्ता के दिमाग में इस बात का उठना
जमी है कि यह एंडराॅयड वन क्या है? एंडराॅयड वन से जुड़ी आपकी सभी जिज्ञासाओं का जवाब दे रह हैं
मुकेश कुमार सिंह।
गूगल आई/ओ में पहली बार एंडरायड वन का जिक्र किया गया था। उसी वक्त से मीडिया से लेकर आम जनता तक में इस बात की चर्चा थी कि आखिर यह एंडराॅयड वन है क्या? क्या यह गूगल का नया आॅपरेटिंग है या फिर नेक्सस की तरह का कोई फोन? उस वक्त एंडराॅयड एल का भी जिक्र किया गया था और हर कोई जानता था कि यह एंडराॅयड आॅपरेटिंग का नया संस्करण है परंतु एंडराॅयड वन को लेकर संशय था। उस वक्त उड़ती खबर यह भी आई कि एंडराॅयड वन कम रेंज के एंडराॅयड फोन के लिए बनाया जाने वाला आॅपरेटिंग सिस्टम होगा। परंतु स्पष्ट जानकारी किसी के पास नहीं थी। अंततः आज गूगल ने एंडराॅयड वन से पर्दा उठा दिया और एंडराॅयड वन उपभोक्ता के सामने है।
एंडराॅयड वन (Android One) गूगल की एक पहल है। इसके माध्यम से कंपनी ने कम बजट के फोन में एंडराॅयड के नए आॅपरेटिंग को मुहैया कराने की कोशिश की है। हालांकि नेक्सस पफोन में भी कुछ ऐसा ही देखा जाता है। इसे खास गूगल फोन कहा जाता है और नेक्सस के फोन को ही सबसे पहले एंडराॅयड आॅपरेटिंग का अपडेट भी मिलता है और अब इस दौड़ में एंडराॅयड वन भी शामिल हो गया है। परंतु नेक्सस के फोन काफी महंगे होते हैं और आम उपभोक्ता के बजट से दूर भी।
वहीं नेक्सस फोन को कोई एक मोबाइल निर्माता ही बनाता था। जैसे सबसे पहला नेक्सस एचटीसी ने बनाया था। वहीं दूसरा और तीसरे नेक्सस का निर्माण सैमसंग द्वारा किया गया था। जबकि नेक्सस 4 और 5 का निर्माण एलजी ने किया है। परंतु एंडराॅयड वन में ऐसा नहीं है। एंडराॅयड वन गूगल का एक प्रोग्राम है इसके तहत कोई भी निर्माता इससे जुड़ सकता है और एंडराॅयड वन फोन का निर्माण कर सकता है।
परंतु फोन का निर्माण उसी स्पेसिफिकेशन पर किया जा सकता है जो कंपनी ने निर्धरित किए हैं। फिलहाल एंडराॅयड वन पर माइक्रोमैक्स का कैनवस वन, कार्बन का स्पार्कल वी और स्पाइस का ड्रीम उपलब्ध् है। वहीं एचटीसी, इंटेक्स, अल्काटेल वनटच, लावा, जोलो और पैनासोनिक सहित कई अन्य कंपनियों के फोन देखे जा सकते हैं।
क्या खास है एंडराॅयड वन में
आपने देखा होगा कि एंडराॅयड फोन होते हुए भी माइक्रोमैक्स, लावा, कार्बन और जोलो सहित हर कंपनी के फोन उपयोग में एक-दूसरे से अलग होते हैं। उसका कारण है कि गूगल आॅपरेटिंग होने के बावजूद हरेक फोन का यूजर इंटरपफेस अलग होता है। कंपनियां उस पर अपने हिसाब से यूजर इंटरफेस या जिसे आप स्किन भी कहते हैं का उपयोग करती हैं।
परंतु एंडराॅयड वन (Android One) फोन में आपको किसी तरह का कोई स्कीन देखने को नहीं मिलेगा। वे प्लेन एंडराॅयड फोन होंगे। उपयोग में नेक्सस के समान सभी एंडराॅयड वन फोन एक जैसे होंगे। मेन्यू, आईकाॅन या आॅपरेटिंग में किसी प्रकार का कोई अंतर नहीं होगा। एंडराॅयड वन की दूसरी खासियत यह है कि इसमें एंडराॅयड आॅपरेटिंग के कोई भी अपडेट सबसे पहले मिलेंगे। एंडराॅयड वन फोन एंडराॅयड के सबसे नए आॅपरेटिंग पर रन करेंगे।
फिलहाल जो तीन फोन एंडराॅयड आॅपरेटिंग पर लाॅन्च किए गए हैं वे एंडराॅयड संस्करण 4.4.4 पर चल रहे हैं। वहीं एंडराॅयड का आने वाला संस्करण एल का अपडेट भी सबसे पहले इन्हें ही मिलेगा। इससे पहले देखा जाता था कि भारतीय निर्माता एंडराॅयड फोन को अपडेट का भरोसा देकर बेच देते थे लेकिन उपभोक्ता को यह अपडेट मिल नहीं पाता था और उपभोक्ता पुराने आॅपरेटिंग पर ही रह जाता था।
नए आॅपरेटिंग और नए फीचर के उपयोग से वह महरूम रह जाता था। ऐसे में अब एंडराॅयड वन के तहत लाॅन्च हुए फोन भले ही कम दाम के होंगे लेकिन उन्हें आसानी से अपडेट मिल जाएगा। क्योंकि इसमें फोन निर्माण भले ही अलग-अलग निर्माता कर रहे हों लेकिन साॅफ्टवेयर का कंट्रोल गूगल के पास होगा। इससे उपभोक्ता ज्यादा से ज्यादा गेम व एप्लिकेशन का उपयोग कर सकेंगे।
दूसरे एंडराॅयड फोन की तरह इसमें भी गूगल एप्स उपलब्ध होंगे लेकिन उनका अनुभव अलग कहीं ज्यादा बेहतर होगा। इसके साथ ही आप फोन में मैप सेव कर आॅफलाइन नेवीगेशन का भी लाभ उठा सकते हैं। एंडराॅयड वन फोन में आपको वायस असिस्टेंस ओके गूगल एप्लिकेशन का भी बेहतर इंटीग्रेशन देखने को मिलेगा। इसमें आप दाएं से बाएं स्वाइप कर ही सीध ओके गूगल का उपयोग कर सकते हैं। इसके माध्यम से आप मौसम, न्यूज और ट्रैफिक सहित कई अन्य सेवाओं का लाभ ले सकते हैं। हाल में कंपनी ने एंडराॅयड वन फोन के लिए आॅफलाइन वीडियो सेवा लाने की भी घोषणा की है।
हार्डवेयर पर गौर करें तो आप देखेंगे कि एंडराॅयड वन फोन के लिए भी कुछ अलग से मानक निर्धरित है। एंडराॅयड वन फोन कम से कम क्वाडकोर प्रोसेसर होगा ही। डुअलकोर और सिंगलकोर प्रोसेसर पर एंडराॅयड वन के फोन आपको देखने को नहीं मिलेंगे। इसके अलावा इसके लिए 1 जीबी का रैम होना भी अनिवार्य है। वहीं इंटरनल मैमोरी कम से कम 4 जीबी तक की निर्धारित है।
एंडराॅयड वन फोन में 5.0 मेगापिक्सल का कैमरा होगा और सेकेंडरी कैमरा भी उपलब्ध होगा। जहां तक स्क्रीन साइज की बात है तो अभी जो फोन उपलब्ध हैं उनमें 4.5 इंच का डिसप्ले दिया गया है और इनका स्क्रीन रेजल्यूशन 480x854 पिक्सल है। एंडराॅयड वन आधारित फोन में दोहरा सिम सपोर्ट होगा। इसके अलावा एपफएम रेडियो फीचर भी मिलेगा। भारत में लाॅन्च हुए एंडराॅयड फोन के साथ फिलहाल प्रति माह 200 एमबी का डाटा मुफ्त मिलेगा। हालांकि इस सेवा का लाभ सिर्फ एयरटेल के उपभोक्ता उठा सकते हैं। वहीं बाद में लाॅन्च होने वाले फोन के लिए यह आॅफर होगा या नहीं, इस बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता।
थोड़ी कमी
कम कीमत में नए आॅपरेटिंग के भरोसे के साथ लाॅन्च किए गए एंडराॅयड वन के फोन कई मायनों में खास हैं लेकिन फिलहाल कुछ कमियां भी कही जा सकती हैं। सबसे पहले जिस बजट में इन्हें लाॅन्च किया गया है उस बजट में इससे बेहतर हार्डवेयर और स्पेसिफिकेशन के फोन उपलब्ध हैं। जैसे मोटोराला मोटो ई, असूस जेनफोन और माइक्रोमैक्स यूनाइट 2 इत्यादि। मोटो ई पर भी गूगल के अपडेट सबसे पहले हाते हैं।
थोड़ी कमी
कम कीमत में नए आॅपरेटिंग के भरोसे के साथ लाॅन्च किए गए एंडराॅयड वन के फोन कई मायनों में खास हैं लेकिन फिलहाल कुछ कमियां भी कही जा सकती हैं। सबसे पहले जिस बजट में इन्हें लाॅन्च किया गया है उस बजट में इससे बेहतर हार्डवेयर और स्पेसिफिकेशन के फोन उपलब्ध हैं। जैसे मोटोराला मोटो ई, असूस जेनफोन और माइक्रोमैक्स यूनाइट 2 इत्यादि। मोटो ई पर भी गूगल के अपडेट सबसे पहले हाते हैं।
वहीं डिसप्ले के मामले में भी एंडराॅयड वन के फोन थोड़े पीछे हैं। इस बजट में खुद माइक्रोमैक्स एचडी रेजल्यूशन के साथ फोन लाॅन्च कर चुका है। इसके अलावा असूस जेनफोन भी बेहतर है। मोटो ई का भी मुकाबला एंडराॅयड वन नहीं कर सकता। रही बात क्वालिटी की तो जो शिकायत पहले भारतीय निर्माता के साथ थी वह एंडराॅयड वन में भी देखने को मिलेगी।
फिलहाल एंडराॅयड वन पर लाॅन्च किए गए सभी फोन साधरण हैं। प्लेन एंडराॅयड फोन होने की वजह से सभी एंडराॅयड वन का इंटरफेस एक जैसा ही है। हालांकि आप बाद में लाॅन्चर का उपयोग कर सकते हैं लेकिन शुरुआत में सब एक जैसे दिखाई देंगे। इंटरनल मैमोरी 4 जीबी भी ज्यादा नहीं कही जा सकती।
एंडराॅयड वन फोन
एंडराॅयड वन के तहत फिलहाल तीन हैंडसेट लाॅन्च किए गए है। जिनमें माइक्रोमैक्स, कार्बन और स्पाइस शामिल हैं। बजट स्मार्टफोन के रूप में लाॅन्च किए गए एंडराॅयड वन स्मार्टफोन की कीमत 6,399 रुपए से शुरू है। तीनों फोन फिलहाल आॅनलाइन साइट फ्लिपकार्ट, अमेजन और स्नैपडील पर उपलब्ध हैं लेकिन जल्द ही फिजिकल स्टोर भी दस्तक देंगे।
एंडराॅयड वन के तहत माइक्रोमैक्स का कैनवस ए1 (Micromax Canvas A1) को उतरा है। वहीं कार्बन ने स्पार्कल वी (KARBONN SPARKLE-V) भारतीय बाजार में पेश किया है। स्पाइस ने ड्रीम यूनो (Spice Android One Dream UNO Mi-498) नाम से एंडराॅयड वन फोन उतारा है। एंडराॅयड वन आॅपरेटिंग आधारित तीनों फोंस समान स्पेसिपिफकेशन के हैं।
डुअल सिम कार्ड स्लाॅट के साथ 480x854 पिक्सल रेजल्यूशन वाला 4.5 इंच का आईपीएस डिसप्ले है। 1.3 गीगाहट्र्ज क्वाडकोर मीडियाटेक प्रोसेसर और 1जीबी रैम दिया गया है। इसके अलावा 4जीबी आंतरिक स्टोरेज की सुविधा भी दी गई है। वहीं फोन में एक्सपेंडेबल स्टोरेज के लिए माइक्रोएसडी कार्ड का उपयोग किया जा सकता है जिस पर 32 जीबी तक डाटा स्टोर कर सकते हैं।
फोटोग्रापफी के लिए एलईडी फ्लैश के साथ 5.0 मेगापिक्सल रियर कैमरा तथा 2.0 मेगापिक्सल फ्रंट कैमरा दिया गया है। कनेक्टिविटी आॅप्शन के तौर पर वाई फाई, ब्लूटूथ, जीपीआरएस, जीपीएस और 3जी मौजूद हैं। फोन में 1700 एमएएच की बैटरी दी गई है।
अपनी किस्मत अपने हाथ
गूगल ने एंडराॅयड वन को अपनी किस्मत अपने हाथ के स्लोगन के साथ लाॅन्च किया है। इसके माध्यम से कंपनी की कोशिश आम उपभोक्ता को भी इंटरनेट की शक्ति से जोड़ने की है। इंटरनेट उपभोक्ता के मामले में भारत आज दूसरे नंबर पर है और यह कापफी तेजी से बढ़ रहा है। इसमें सबसे खास बात यह है कि भारत में ज्यादातर उपभोक्ता मोबाइल पर इंटरनेट का उपयोग करते हैं। आज भी भारत के दूर-दराज के इलाकों में इंटरनेट केबल नहीं है लेकिन लोग धड़ल्ले से मोबाइल पर इंटरनेट का उपयोग कर रहे हैं। 3जी नेटवर्क भी पहले की अपेक्षा काफी बेहतर हो गया है।
एंडराॅयड वन के माध्यम से कंपनी की कोशिश कम रेंज में बेहतर स्मार्टफोन की बदौलत हर तबके उपभोक्ता को इंटरनेट सेवा से जोड़ने की है। कोशिश तो बेहतर है लेकिन अब देखना यह है कि गूगल की इस कोशिश से कितनों की किस्मत बदलती है।
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