Skip to main content

एलटीई सुपर फास्ट नेटवर्क


झट से चलेगा यूट्यूब वीडियो और मिनटों में होगी फिल्म डाउनलोड। 4जी नेटवर्क की इन्हीं खासियतों और भारत में इसके भविष्य को बता रहे हैं मुकेश कुमार सिंह।

पिछले कुछ सालों में आपने गौर किया होगा कि मोबाइल पर इंटरनेट में काफी सुधार हुआ है। पहले जहां किसी वेबसाइट को खोलने में लंबा समय लग जाता था। वहीं अब काफी आसानी से खुल जाती है। आपको मालूम है कि ऐसा कैसे संभव हो पाया? आपका हैंडसेट तो पहले की अपेक्षा ज्यादा ताकतवर हो ही गया है, साथ ही, मोबाइल नेटवर्क में भी काफी सुधार हुआ है। आपको शायद मालूम नहीं होगा कि पहले आप 2जी नेटवर्क का उपयोग करते थे जबकि अब 3जी का उपयोग कर रहे हैं। यह तो रही 3जी की बात लेकिन आपको मालूम है कि अब जल्द ही आप सुपर ताकत से लैस 4जी नेटवर्क से रू-ब-रू होने वाले हैं। 

आप तो यही सोच रहे होंगे कि अब तक 2जी और 3जी में ही उलझा था लेकिन यह नया 4जी क्या है। आपको बता दूं कि 4जी मोबाइल नेटवर्क का नया अवतार है जिसे एलटीई के नाम से भी जाना जाता है। भारत के कई शहरों में तो इसका आगाज भी हो चुका है और जल्द ही कई अन्य शहरों में यह नेटवर्क दस्तक देने वाला है। यह न सिर्फ आपके मोबाइल के अनुभव को बदल देगा बल्कि आपको मोबाइल इंटरनेट का ऐसा अहसास कराएगा कि फिलहाल शायद इसके बारे में आप सोच भी नहीं सकते। 4जी एलटीई के माध्यम से आप 5 और 10 एमबीपीएस नहीं बल्कि 100 एमबीपीएस तक की गति से डाटा का हस्तांतरण कर सकते हैं अर्थात बिना बफर के आॅनलाइन वीडियो स्ट्रीमिंग और मिनटों में 1 जीबी डाउनलोड इत्यादि।

क्या है 4जी तकनीक? :-  आम उपभोक्ता नेटवर्क को लेकर अभी 2जी, 3जी में ही उलझा था, ऐसे में 4जी का दस्तक देना किसी आश्चर्य से कम नहीं। 4जी का जिक्र आते ही उपभोक्ताओं के मन में यही सवाल आएगा कि यह 4जी सेवा है क्या और इसके क्या फायदे हैं? 4जी मोबाइल की नई तकनीक है जो विशेषकर हाई स्पीड डाटा सेवाओं के लिए जानी जाती है जिसका उपयोग सेल्यूलर फोन और वायरलेस कंप्यूटर सहित अन्य मोबाइल डिवायस के लिए किया जा सकता है। यह मोबाइल नेटवर्क के विस्तार का चैथा संस्करण है जिसे एलटीई के नाम से भी जाना जाता है। 

सुपरफास्ट नेटवर्क :-  4जी एक आईपी (इंटरनेट प्रोटोकाॅल) आधारित तकनीक है जो खासतौर से तेज डाटा के लिए जानी जाती है। हालांकि 3जी सेवा भी तेज डाटा के लिए जानी जाती है लेकिन 3जी की अपेक्षा 4जी में कई गुणा तेज डाटा सेवा का लाभ लिया जा सकता है। 3जी में जहां वीडियो काॅलिंग और वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग जैसी सेवाओं का लाभ लिया जा सकता है वहीं 4जी में हाई डेफिनेशन वीडियो काॅलिंग, वीडियो स्ट्रीमिंग और कॉन्फ़्रेंसिंग भी आसान है। 3जी सेवा के माध्यम से  अधिकतम 42 एमबीपीएस तक की गति से डाटा का हस्तांतरण किया जा सकता है जबकि 4जी में 100 एमबीपीएस तक का लाभ लिया जा सकता है। वहीं मल्टीप्लेयर गेमिंग, लाइव वीडियो स्ट्रीमिंग, लाइव टीवी और आॅन डिमांड मूवी जैसी सेवाओं को भी बल मिलेगा।

1जी से 4जी तक :-  वर्ष 1980 के दशक में जीएसएम (ग्लोबल सिस्टम फाॅर मोबाइल कम्यूनिकेशन) मोबाइल सेवा की शुरुआत हुई। चूंकि यह जीएसएम मोबाइल की पहली तकनीक थी इसलिए यह 1जी के नाम से जानी जाती है। उस वक्त यह तकनीक सिर्फ काॅलिंग और मैसेजिंग के लिए ही उपयोग होती थी। 

इसके दस साल बाद मोबाइल तकनीक में नया मोड़ आया। 1990 के दशक में जीएसएम तकनीक के दूसरे संस्करण का विकास किया गया, जो 2जी के नाम से जानी जाती है। इस संस्करण के साथ ही मोबाइल फोन पर इंटरनेट चलाना, जिसे शुरुआत में वैप कहा गया, संभव हो गया। यह नेटवर्क हल्के-फुल्के डाटा के हस्तांतरण में सक्षम है। इस तकनीक में समय-समय पर थोड़ा विकास किया गया और 2.5 जी नेटवर्क को जीपीआरएस और 2.75जी नेटवर्क को ऐज नेटवर्क नाम से भी जाना गया। आज भी विश्व के कुल मोबाइल उपभोक्ता में 80 फीसदी 2जी नेटवर्क का उपयोग कर रहे हैं। भारत में भी फिलहाल 2जी उपभोक्ता ही ज्यादा हैं। डाटा सेवाओं के लिए यह सेवा बहुत खास नहीं थी। 

एक बार फिर दस साल बाद वर्ष 2000 में जीएसएम ने तीसरे संस्करण के नेटवर्क 3जी का विकास किया गया। बाद में 3जी में भी कई  सुधार किए गए और इसे अलग-अलग नाम से जाना गया। इंटरनेशनल टेलीकम्यूनिकेशन यूनियन द्वारा 3जी के विकास के लिए आईएमटी 2000 स्टैंडर्ड निर्धारित किया गया है। 3जी की खासियत यह है कि यह बेहतर डाटा हस्तांतरण में सक्षम है। 3जी के नए स्टैंडर्ड के आधार पर अधिकतम 42 एमबीपीएस तक की गति से डाटा का हस्तांतरण किया जा सकता है। हालांकि इसे फिलहाल बहुत बेहतर कहा जा सकता है लेकिन 4जी के आगे यह भी फीका है। भारत में भी वर्ष 2010 में 3जी सेवा की शुरुआत की गई जो कि बहुत विलंब कहा जा सकता है। क्योंकि अब तक विश्व 4जी ओर रुख करने लगा था। भारत के लिए अच्छी बात यह कही जा सकती है कि 3जी के साथ ही 4जी नेटवर्क के लिए भी लाइसेंस का आवंटन कर दिया गया।

4जी तकनीक जीएसएम तकनीक के विकास का ही चौथा संस्करण है। इसके माध्यम से तेज गति से इंटरनेट और डाटा सेवाओं का लाभ लिया जा सकता है। हालांकि जब 4जी सेवा के लिए लाइसेंस का आवंटन किया गया तो यह सिर्फ डाटा के लिए ही था। परंतु बाद में इसमें काॅलिंग सेवा प्रदान करने की भी अनुमति दे दी गई। 4जी के तहत वाई-मैक्स और एलटीई दो तरह की तकनीक हैं। परंतु यूरोपीय देशों सहित भारत और चीन वेफ द्वारा भी एलटीई तकनीक अपनाने की घोषणा कर दी गई है ऐसे में वाई-मैक्स की चर्चा ही लगभग खत्म हो गई है। 


क्या है एलटीई :-  एलटीई का आशय है लांग टर्म इवोल्यूशन। यह एक वायरलेस ब्राॅडबैंड तकनीक है जो मोबाइल नेटवर्क पर कार्य करती है। जीएसएम/ऐज और यूएमटीएस/एचएसएक्सपीए नेटवर्क पर आधारित यह तकनीक बेहतर डाटा क्षमता के लिए जानी जाती है। 

एलटीई सेवा के लिए 1.25 मेगाहर्ट्ज से लेकर 20 मेगाहर्ट्ज बैंडविथ (स्पैक्ट्रम) तक का उपयोग किया जा सकता है। भारत में एलटीई के लिए 2.3 गीगाहर्ट्ज स्पैक्ट्रम बैंड पर निर्धारित है। इस तकनीक के माध्यम से 50 मेगाबिट्स प्रति सेकेंड की दर से अपलिंकिंग और 100 मेगा बिट्स प्रति सेकेंड की दर से डाउनलिंकिंग गति पाई जा सकती है। 

एलटीई तकनीक को 3जीपीपी (थर्ड जेनरेशन पार्टनरशिप प्रोजेक्ट) के तहत तैयार किया गया है। इस प्रोजेक्ट का विश्व की प्रमुख टेलीकाॅम संस्थाओं-इंटरनेशनल मोबाइल टेलीकम्यूनिकेशन और इंटरनेशनल टेलीकम्यूनिकेशन यूनियन द्वारा मानक तय किया गया है जिससे कि विश्व स्तरीय जीएसएम सेवा के माध्यम से इस तकनीक को मुहैया कराया जा सके। 

एलटीई तकनीक के अंतर्गत भी कई अन्य मानक हैं। एलटीई सेवा के लिए दो तरह की तकनीक हैं- टीडीडी और एफडीडी। यूरोपीय देशों में एलटीई के लिए एफडीडी तकनीक को लाॅन्च किया गया है जबकि भारत और चीन में फिलहाल एलटीई सेवा के लिए टीडीडी तकनीक है। भारत में एलटीई सेवा के लिए खुली छूट है। आॅपरेटर्स चाहें तो अपनी एलटीई सेवा एफडीडी तकनीक पर लाॅन्च कर सकते हैं या टीडीडी पर। भारत और चीन सहित कई अन्य देशों के मोबाइल नेटवर्क आॅपरेटरों ने एलटीई-टीडीडी के लिए प्रतिबद्धता जाहिर की है जिनमें एयरसेल (इंडिया)चाइना मोबाइल (चीन),एरो2  (पोलैंड), इंफोटेल (इंडिया), तिकोना (इंडिया), वीवीडवायरलेस (आस्ट्रेलिया), स्प्रींट (यूएस), हचिसन3 (डेनमार्क), ईप्लस (जर्मनी) और पी1 (मलेशिया) प्रमुख हैं। 

एयरटेल फर्स्ट  :-  वर्ष 2010 में भारत सरकार द्वारा 4जी सेवा बहाल करने के लिए बीडब्लयूए स्पेक्ट्रम की नीलामी की गई थी। इसके तहत देश में उपलब्ध बीडब्लयूए स्पेक्ट्रम को निजी आॅपरेटरों को मुहैया कराया गया ताकि देश में 4जी सेवा बहाल की जा सके। इस नीलामी में रिलायंस जियो देश के सभी 22 सर्किलों में बीडब्ल्यूए लाइसेंस हासिल करने में सफल रहा। कंपनी ने यह लाइसेंस 12,847.8 करोड़ रुपए चुकाकर हासिल किया। वहीं भारत की प्रमुख मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनी एयरटेल सिर्फ चार सर्किल ;कोलकाता, पंजाब, कर्नाटक और महाराष्ट्र के लिए बीडब्ल्यूए लाइसेंस हासिल कर पाई। हालांकि बीडब्ल्यूए सेवा के लिए क्वालकाॅम ने भी बोली लगाई थी और दिल्ली, मुंबई, केरल और हरियाणा सहित चार राज्यों में लाइसेंस पाने में सफल भी रहा लेकिन कंपनी में बाद में अपने लाइसेंस एयरटेल को बेच दिए। अब एयरटेल के पास कुल 8 सर्किल में 4जी सेवा के लिए लाइसेंस प्राप्त हैै। 

इसके अलावा एयरसेल 3,438.01 करोड़ रुपए में देश के आठ सर्किलों (आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, बिहार, उड़ीसा, असम, नाॅर्थ ईस्ट और जम्मू-कश्मीर) के लिए लाइसेंस प्राप्त करने में सक्षम रहा। तिकोना डिजिटल ने पांच राज्यों (हिमाचल प्रदेश,  राजस्थान, उत्तर प्रदेश (पूर्वी), उत्तर प्रदेश ;पश्चिमी) और गुजरात) के लिए 1,058.2 करोड़ रुपए चुका कर यह लाइसेंस प्राप्त किया था। जबकि आॅगर सिर्फ मध्य प्रदेश के लिए ही लाइसेंस हासिल कर पाई थी। वहीं कंपनी ने बाद में अपनी सेवा बंद करने की भी घोषणा कर दी। 

4जी लाइसेंस प्राप्त करने के लगभग साल भर बाद ही एयरटेल ने कोलकाता में अपनी 4जी सेवा की शुरुआत के साथ ही भारत में 4जी सेवा शुरू करने वाली पहली कंपनी बन गई और फिलहाल यही है। कोलकाता के बाद कंपनी बेंगलुरु और पंजाब के कुछ शहरों में भी 4जी सेवा शुरू कर चुकी है। एयरटेल के अलावा फिलहाल किसी भी आॅपरेटर ने 4जी सेवा की शुरुआत नहीं की है। रिलायंस जियो के पास कुल 22 सर्किल के लिए 4जी लाइसेंस प्राप्त है और पिछले साल से ही यह खबर है कि कंपनी कभी भी अपनी 4जी सेवा शुरू कर सकती है। 4जी सेवा के लिए रिलायंस जियो ने एयरटेल और रिलायंस कम्यूनिकेशंस के साथ समझौता भी किया है। 

4जी :-  भारत में 4जी सेवा की शुरुआत हो गई है लेकिन बेहतर विस्तार नहीं देखा गया। शुरुआत में तो आॅपरेटरों द्वारा यह कहा गया कि 4जी के लिए हैंडसेट नहीं हैं। वहीं मोबाइल निर्माता यह कहते नजर आए कि नेटवर्क नहीं है तो हैंडसेट लाकर क्या होगा। पंरतु 4जी सेवा के विस्तार न होने का सबसे बड़ा कारण था सेवा का महंगा होना। हाल में एयरटेल ने अपनी 4जी सेवा के लिए शुल्क में भारी कटौती की है। इसके बाद से मोबाइल निर्माता भी इसमें रुचि दिखाने लगे हैं। पिछले वर्ष ही हुआवई ने भारत के लिए अपना 4जी हैंडसेट पेश किया था। इसके बाद से कोई फोन देखने को नहीं मिला था। इस वर्ष एयरटेल द्वारा 4जी शुल्क में कमी के साथ जोलो ने एलटीई 900 तो एलजी ने अपने जी2 माॅडल का एलटीई संस्करण पेश कर दिया है। हैंडसेट के अलावा हुआवई और जेडटीई के 4जी इंटरनेट डाॅन्गल भी उपलब्ध हो चुके हैं। 

एयरटेल द्वारा 4जी सेवा के शुल्क में कटौती के बावजूद यह महंगी है और आम उपभोक्ता की पहुंच से दूर है लेकिन इस क्षेत्र में रिलायंस जियो के आने से जरूर कुछ फर्क पड़ेगा। क्योंकि रिलायंस शुरू से ही अपने आक्रामक रुख के लिए जानी जाती है और सूत्रों की मानें तो कंपनी 2जी दर पर 4जी सेवा मुहैया कराने की कोशिश कर रही है यही वजह है कि सेवा शुरू करने में देरी हो रही है। वहीं रिलायंस 4जी सेवा के साथ एलटीई हैंडसेट भी बंडल आॅफर में ला सकती है।

खास खबर :-  भारत में टेलीकाॅम स्पेक्ट्रम लाइसेंस में और उसके नियमों में काफी सुधार किया गया है। पहले जहां 2जी, 3जी और 4जी सेवा के लिए अलग-अलग लाइसेंस दिया जाता था। वहीं अब सिर्फ नीलामी के दौरान स्पेक्ट्रम पाना है। किसी भी स्पेक्ट्रम पर आप किसी भी सेवा 2जी, 3जी या फिर 4जी को मुहैया करा सकते हैं। जैसे भारत में अब तक 2300 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम पर ही 4जी सेवा दी जा सकती है लेकिन यदि कोई आॅपरेटर नीलामी में 1800 मगाहर्ट्ज या 900 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम प्राप्त करता है जिस पर अब तक 2जी सर्विस दी जा रही थी तो इस स्पेक्ट्रम बैंड पर भी वह 3जी और 4जी सेवा मुहैया करा सकती है। 


कौन कहां देगा 4जी सेवा

रिलायंस जियो- 

सभी 22 टेलीकाॅम सर्किल

एयरटेल-
महाराष्ट्र, पंजाब, कर्नाटक, कोलकाता, दिल्ली, पंजाब, केरल और हरियाणा।

एयरसेल- 
आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, बिहार, उड़ीसा, असम, नाॅर्थ-ईस्ट और जम्मू-कश्मीर।

तिकोना- 
हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश (पूर्वी), उत्तर प्रदेश (पश्चिमी) और गुजरात। 

Comments

Popular posts from this blog

ब्लैकबेरी उपभोक्ताओं के लिए आइडिया का आॅफर

स्मार्टफोन निर्माता कंपनी ब्लैकबेरी (Blackberry) के उपभोक्ता अब टेलीकाॅम कंपनी आइडिया (idea) द्वारा 1 जीबी डाटा (Data) प्राप्त कर सकते हैं। किंतु यह सुविधा केवल ब्लैकबेरी ओएस 7 (Blackberry os 7) के उपभोक्ताओं के लिए ही उपलब्ध होगी।  जो ब्लैकबेरी ओएस 7 उपभोक्ता आइडिया पोस्टपैड (idea postpaid) कनेक्शन का उपयोग कर रहे हैं वह इस आॅफर के अंतर्गत 2जी प्लान (2G plan) पर 1 जीबी डाटा उपयोग कर सकते हैं। जिसके लिए हर महीने 83 रुपए का भुगतान करना होगा तथा इसके वार्षिक रेंटल प्लान (rental plan) की कीमत 999 रुपए है।  ब्लैकबेरी उपयोगकर्ता आइडिया पोस्टपैड के इस प्लान का साधारण एसएमएस (SMS) द्वारा अपने डिवाइस पर एक्टिवेट कर सकते हैं। इसके लिए केवल ‘ACT999ARP’   टाइप कर 12345 पर भेजना है। अंग्रेजी में इस खबर को पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें।  http://www.mymobile.co.in/news/blackberry-idea-offers-1gb-data-plan-rs-83/

मोबाइल डाटा ट्रांसफर का आसान तरीका

जब आप पुराने फोन हटाकर नया फोन लेते हैं तो आपको सबसे ज्यादा चिंता डाटा की होती है। कैसे उसे नए पफोन में ट्रांसफर किया जाए। एक फोन से दूसरे फोन में डाटा ट्रांसफर के आसान तरीके बता रहे हैं मुकेश कुमार सिंह। वह जमाना चला गया जब अपने फोन को दिखाकर लोग यह कहते थे कि देखो मेरा यह फोन सात सालों से चल रहा है। यह मेरा पहला फोन है और आज भी सही काम कर रहा है। परंतु आज हर छह माह में लोग फोन बदलना चाहते हैं। आज छह माह से साल भर में फोन खराब होने लगते हैं या उपभोक्ता उनसे बोर हो जाता है या पिफर नई तकनीक के आने की वजह से उपभोक्ता पुराने फोन के बजाय नई तकनीक का उपयोेग करना चाहता है। क्वालिटी के मामले में फोन आज भी कम नहीं हैं लेकिन फोन का उपयोग इस कदर बढ़ गया है कि सालों साल चलना मुश्किल हो जाता है।  पुराने ब्लैक एंड व्हाइट फोन आज भी आपको चालू अवस्था में मिल जाएंगे। क्योंकि उस फोन से सिर्फ काॅल या मैसेज ही तो करना होता था। परंतु उन्हें यदि कहा जाए कि आपके फोन में डाटा कितना है और डाटा को किसी दूसरे फोन में ट्रांसफर करके दिखाएं तो असली स्थिति का अहसास होगा। फोन में काॅन्टेक्ट और मैसेज के अला

बेहाल उपभोक्ता (Consumer Forum)

मैं एयरटेल (Airtel) उपभोक्ता हूं। कुछ समय पहले एयरटेल ने मुझसे बिना पूछे मेरे खाते में 400 रुपए काट लिए। जब इसकी शिकायत मैंने कस्टमर केयर में की तो उन्होंने मुझे बेकार या बहाना देते हुए कहा कि मैंने इंटरनेट ब्राउजर का उपयोग किया है। लेकिन मैंने इसका कभी उपयोग नहीं किया था। एयरटेल ने ऐसा पहली बार नहीं किया बल्कि मेरे अन्य एयरटेल नंबरो के खाते से भी पैसे काट चुकी है। अब मैं अपने दोनों एयरटेल के नंबर बदल रहा हूं लेकिन उससे पहले मैं एयरटेल से पूरा स्पष्टीकरण चाहता हूं। -प्रीतमभर प्रकाश   नोकिया का जवाब प्रतीक्षा में